बांदा: सियासी पारी की शुरुआत करने वाले पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के बारे में जानिए

बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी गठित करके सियासी पारी की शुरुआत करने वाले यूपी के पूर्व डीजीपी सुल्तान सिंह की छवि एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जानी जाती है। वह मुख्यमंत्री योगी...

Nov 22, 2023 - 09:04
Nov 22, 2023 - 09:15
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बांदा: सियासी पारी की शुरुआत करने वाले पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के बारे में जानिए

बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी गठित करके सियासी पारी की शुरुआत करने वाले यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की छवि एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जानी जाती है। वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अफसरों में शामिल थे। 2022 में जब वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की मंगला आरती के दौरान भगदड़ मची थी। तब मुख्यमंत्री योगी ने एक जांच समिति बनाई थी। जिसका अध्यक्ष पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह को बनाया गया था।

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बांदा के जौहरपुर गांव निवासी सुलखान सिंह की प्राइमरी स्कूल एवं जूनियर हाई स्कूल की शिक्षा गांव में हुई। इसके बाद आदर्श बजरंग इंटर कॉलेज बांदा से वर्ष 1972 में हाई स्कूल एवं वर्ष 1974 में इंटरमीडिएट पास किया। वर्ष 1974 78 में सर्वाधिक प्रतिष्ठित रुड़की विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग बीई की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1978 80 में आईआईटी दिल्ली से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की। संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा में वर्ष 1979 में चयनित हुए, 1 वर्ष सेवा किया। वर्ष 1980 में भारतीय पुलिस सेवा में चयनित हुए। रेलवे छोड़कर दिसंबर 1980 में आईपीएस ज्वाइन किया। उत्तर प्रदेश में 37 वर्ष की सेवा के उपरांत 31 दिसंबर 2017 को पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के पद से सेवानिवृत हुए।
अपनी सेवा कल के दौरान उन्हें कई पदक व पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें 1997 में पुलिस पदक, 2006 में राष्ट्रपति का पुलिस पदक विशिष्ट सेवाओं के लिए दिया गया। इसी तरह 2015 में पुलिस ट्रेनिंग में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का पदक दिया गया।

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 अपनी सेवा काल के दौरान सहायक पुलिस अधीक्षक वाराणसी, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण क्षेत्र अलीगढ़, पुलिस अधीक्षक आगरा, नगर मेरठ, नगर रामपुर, पीलीभीत, इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर, इलाहाबाद व आगरा में इसी पद रहे। इसके उपरांत मिर्जापुर और इलाहाबाद रेंज के डीआईजी रहे। इसी तरह रेलवे रेंज लखनऊ के डीआईजी बनाए गए। गृह विभाग लखनऊ के विशेष सचिव रहे। आईजी लखनऊ जोन के पद पर रहे। तपश्चात आईजी कारागार उत्तर प्रदेश बनाया गया। इसी प्रकार अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद, अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर उन्नाव व पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश के पद पर रह चुके हैं। उन्होंने 1997 में वरिष्ठ अधिकारी कमांडो कोर्स का इंग्लैंड में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।

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पुलिस सेवा के दौरान उन्होंने कई सामाजिक कार्य भी किये ।जिसकी सराहना भी हुई। उन्होंने लखनऊ शहर में लावारिस मानसिक रोगियों के लिए इलाज एवं पुनर्वास का कार्य किया। यहीं पर गोमती सफाई अभियान, पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक के विरुद्ध जन जागरण अभियान में हिस्सा लिया। इतना ही नहीं उन्होंने लखनऊ में पटाखे और प्रदूषण से मुक्त दिवाली के लिए अभियान चलाया। पशु सहायता लाइन अभियान चलाकर घायल पशुओं का इलाज कराया। प्लास्टिक खाकर मरणासन गायों के ऑपरेशन के कार्य भी इनके माध्यम से कराए गए। आपराधिक न्याय प्रणाली एवं विशेष कर पुलिस सुधार पर व्यापक एवं अग्रणी कार्य किए गए। पुलिस प्रशिक्षण में व्यापक जन्मोमुखी सुधार भी किए गए। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार द्वारा जेलों में सुधार के लिए गठित समिति की अध्यक्षता की एवं समय से रिपोर्ट प्रस्तुत की। वर्तमान में  उत्तर प्रदेश पुलिस आधुनिकीरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग के अध्यक्ष हैं।

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