9 की लकड़ी 90 खर्च, भूमिगत मार्ग बन गया अस्थाई मर्ज
जिले को छतरपुर जिले से जोड़ने वाला दूरेड़ी-पहरहा मार्ग का आवागमन दुरेड़ी रेलवे अण्डर बाईपास मार्ग में पानी भर जाने के कारण सुबह बाधित रहा..
जिले को छतरपुर जिले से जोड़ने वाला दूरेड़ी-पहरहा मार्ग का आवागमन दुरेड़ी रेलवे अण्डर बाईपास मार्ग में पानी भर जाने के कारण सुबह बाधित रहा। जिससे अपनी जान जोखिम में डाल कर रेलवे पटरी के ऊपर से निकलने को मजबूर हुए।
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इस रास्ते में कई सरकारी एवं निजी विद्यालय संचालित हैं। इस रास्ते में आने-जाने वाले व्यापारी, ग्रामीण, शिक्षक एवं छात्र अण्डर बाईपास मार्ग में पानी भर जाने के कारण परेशान रहते हैं।
वे समय से अपने कार्यस्थल पहुंचने के लिए जद्दोजहद करते रहते हैं, समय से पहुंचने के प्रयास में कई लोग जिनमें छात्र-अध्यापक एवं ग्रामीण लोग आए दिन गिरकर घायल भी हो जाते हैं, वाहन भी पानी भर जाने के कारण खराब हो जाता है।
गौरतलब है कि पानी निकालने के लिए बड़ी मोटर पम्प लगाकर सम्बन्धित विभाग के कर्मचारियों द्वारा पानी निकाला तो जाता है परन्तु दीवारों और छत से बहकर वही पानी वापस अण्डर बाईपास में भर जाता है।
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थोड़ा सा भी पानी बरस गया तो फिर से भूमिगत मार्ग तालाब बन जाता है। इस तरह पानी निकालने का पैसा भी बर्बाद हो जाता है। लोग रेलवे पटरी के ऊपर से अपनी गाड़ी निकालने का प्रयास करके भी जोखिम उठाते हैं परन्तु असफल रहते हैं।
समाजसेवी रत्नेश गुप्ता ने बताया कि भूमिगत मार्गों की स्थिति बहुत बुरी है जगह-जगह कीचड़ एवं जलभराव की स्थिति हो जाती है। ग्रामीण परिवेश के बीमार व्यक्ति समय से शहर बाँदा आकर इलाज भी नहीं करा पाते हैं, जलभराव के कारण गांवों तक एम्बुलेंस भी समय से नहीं पहुंच पाती है।
इस तरह के भूमिगत मार्ग जिनमें जलभराव की स्थिति है उनका स्थाई इलाज होना चाहिए क्योंकि पानी निकालने में ही बेवजह धन एवं समय की बर्बादी होती रहती है। जलभराव के कारण लोग रेलवे पटरी के ऊपर से जाने के लिए अपनी जान भी जोखिम में डाल देते हैं।
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