झांसी मानिकपुर, खैरार भीमसेन रेलखंड को 550 करोड़ आवंटित, अब दोहरीकरण में आएगी रफ्तार
भारतीय रेल के संचालन में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला उत्तर-मध्य रेलवे का झाँसी मण्डल ट्रेन संचालन के साथ ही...
भारतीय रेल के संचालन में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाला उत्तर-मध्य रेलवे का झाँसी मण्डल ट्रेन संचालन के साथ ही रेलवे के व्यापार को भी गति देने वाला मण्डल है। लेकिन मण्डल को जोनल मुख्यालय प्रयागराज से जोड़ने वाले सिंगल टै्रक के कारण संचालन गति नहीं पकड़ सका। इस मार्ग पर दोहरीकरण कार्य को लगभग 2 साल पहले मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन भूमि, बजट और अन्य तकनीकी कारणों के चलते दोहरीकरण का कार्य बहुत आगे नहीं बढ़ पाया। लेकिन अब झाँसी.मानिकपुर तथा खैरार भीमसेन रेल खंड को 550 रू. करोड़ आबंटित किया गया है। जिससे दोहरीकरण कार्य तेज होने की संभावना है। कहा गया है कि वर्ष 2025 तक दोहरीकरण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
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इस सिलसिले में रेल मंत्री भारत सरकार अश्वनी वैष्णव द्वारा रेल बजट पर वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई वार्ता के बाद मंडल रेल प्रबंधक झांसी मंडल आशुतोष ने झांसी मंडल को प्राप्त बजट से संबंधित जानकारी मीडिया को दी। उनके मुताबिक झांसी मानिकपुर खैरार भीमसेन रेलखंड को 550 करोड रुपए आवंटित किया गया है। जिससे अब दोहरीकरण के काम को गति मिलेगी। साथ ही इस रूट पर पडने वाले सभी रेलवे स्टेशनों का विस्तारीकरण होगा। इस प्रक्रिया में इस सिलसिले में जहां-जहां भी अतिक्रमण किया गया है या मंदिर आदि बने हैं। उन्हें हटाने के लिए नोटिस जारी कर दी गई है। इनके हटते ही कार्य को गति मिलेगी।
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बता दें कि झाँसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन से मानिकपुर तक शुरू से ही सिंगल रेलवे लाइन है। इसकी लम्बाई लगभग 310 किलोमीटर है। कई दशक तक इस रूट पर गिनी-चुनी ट्रेन ही चल रही थीं। अब यह अपनी क्षमतानुसार व्यस्त रेलमार्ग हो गया है।
इस मार्ग पर ट्रेन की संख्या बढ़ने का कुछ खास लाभ यात्रियों को नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि सिंगल ट्रैक पर दोनों ओर से दौड़ाई जा रहीं ट्रेन किसी न किसी स्टेशन पर क्रॉसिंग के लिए खड़ी करनी ही पड़ती हैं। रेल मन्त्रालय ने झाँसी-बाँदा-मानिकपुर रेल लाइन के दोहरीकरण कार्य स्वीकृत करते हुए लगभग 43 अरब रुपये से अधिक के बजट को मंजूरी दे दी थी। रेलवे ने दोहरीकरण कार्य को 2022-23 में पूरा कर लेने की बात कही थी पर ऐसा नहीं हो सका। रेलवे का कहना है कि दोहरीकरण कार्य मार्च 2025 में पूरा कर लिया जाएगा।
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झाँसी से मानिकपुर तक होने वाले दोहरीकरण कार्य को लेकर वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 250 करोड़ रुपये देने का प्राविधान किया गया था इस बजट में झाँसी से महोबा के बीच मिट्टी और ब्रिज का काम चल रहा है। रास्ते में पड़ने वाली बेतवा और धसान नदियों के पुल की ड्रॉइंग बनाने का काम भी प्रगति पर है। हालाँकि इन कार्यो में अभी दिशा-निर्देश का प्रस्ताव विचाराधीन है। उम्मीद है कि मेजर ब्रिज निर्माण कार्य जल्दी ही चालू हो जाएगा। बता दें कि इस ट्रैक निर्माण में झाँसी-मानिकपुर के 42 बड़े ब्रिज (बड़े), 456 छोट ब्रिज और 4 महत्वपूर्ण बड़े ब्रिज बनने हैं। यहाँ फिलहाल मिट्टी का काम चल रहा है।
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रेल लाइन दोहरीकरण में अभी कुलपहाड़ से महोबा और बरुआसागर से मऊरानीपुर के बीच जमीन को समतल किया जा रहा है। इन्हीं दोनों खण्ड के बीच सबसे पहले 94 किलोमीटर में पटरी डाली जाएगी। इसमें बरुआसागर-मानिकपुर के बीच 42 किलोमीटर और कुलपहाड़-महोबा के बीच 52 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई जाएगी। यह रेल खण्ड इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इन्हीं खण्ड पर 3 प्रमुख नदियाँ (बेतवा, केन और धसान) हैं। झाँसी से मानिकपुर के बीच रेलवे लाइन दोहरीकरण काम को छह भागों में बाँटा गया है। झाँसी से महोबा-बाँदा-कर्वी-मानिकपुर तक 310 किलोमीटर और बाँदा-कानपुर रूट पर खैरार से भीमसेन तक 115 किलोमीटर लम्बी डबल लाइन पड़ेगी। डबल लाइन होने के बाद इस रूट पर चलने वाली ट्रेन को जहाँ नई रफ्तार मिलेगी, वहीं कुछ नई ट्रेन के संचालन की भी सम्भावनाएँ बढ़ेंगी।
इस मार्ग पर यह हैं ट्रेन
झाँसी-मानिकपुर के मौजूदा सिंगल ट्रैक पर अभी चल रहीं प्रमुख ट्रेन में उत्तर प्रदेश सम्पर्क क्रान्ति, खजुराहो-कुरुक्षेत्र एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस, तुलसी एक्सप्रेस, चम्बल एक्सप्रेस, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस, उदयपुर-खजुराहो एक्सप्रेस सहित वीरांगना लक्ष्मीबाई-प्रयागराज, वीरांगना लक्ष्मीबाई-बाँदा, वीरांगना लक्ष्मीबाई-मानिकपुर पैसिंजर ट्रेन चल रही हैं। इनके अलावा कई मालगाड़ी प्रतिदिन गुजरती हैं।
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