34 साल पहले बांदा में मुलायम सिंह के क्रांति रथ पर बरसे थे पत्थर, यही से अखिलेश शुरू करेंगे विजय रथ यात्रा

जनपद बांदा में 1987 में समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव क्रांति रथ लेकर आएं थे। तब उन के रथ पर सुनियोजित ढंग से पथराव किया गया था..

34 साल पहले बांदा में मुलायम सिंह के क्रांति रथ पर बरसे थे पत्थर, यही से अखिलेश शुरू करेंगे विजय रथ यात्रा
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)

जनपद बांदा में 1987 में समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव क्रांति रथ लेकर आएं थे। तब उन के रथ पर सुनियोजित ढंग से पथराव किया गया था। जिसमें मुलायम सिंह यादव सहित उनके कई सहयोगियों को चोटे आई थी। इसके बाद भी वह अपने इरादे पर डटे रहे। इसी धरती पर बुधवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी विजय रथ यात्रा का शुभारंभ करके बुंदेलखंड में विधानसभा चुनाव के लिए हुंकार भरेंगे।उनकी रथयात्रा यहां के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान से शुरू होगी।

समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव ने किसानों को उचित समर्थन मूल्य,  बुनकरों किसानों को दिए गए ऋण माफी मूल सूचकांक के साथ, कर्मचारियों के वेतन का निर्धारण, मंडल आयोग की सिफारिश लागू करने, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को समाज में सम्मान दिलाने, महिलाओं के उत्थान ,बेरोजगारी एवं भ्रष्टाचार तथा एक समान शिक्षा नीति लागू करने की मांगों को लेकर 1987 में कानपुर के छोटे से कस्बे अकबरपुर से क्रांति यात्रा की शुरुआत की थी। 

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इसी दौरान भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने मिलकर राम जानकी रथ यात्रा निकाला था। जो मुलायम सिंह की क्रांति रथ यात्रा का विरोध कर रहे थे। लेकिन मुलायम सिंह यादव अपने अभियान पर कायम रहे। जब उनकी रथ यात्रा बांदा शहर के ऐतिहासिक  अशोक स्तंभ के पास पहुंची तभी सुनियोजित ढंग से उनके रथ यात्रा पर पथराव किया गया। जिसमें मुलायम सिंह यादव सहित कई सहयोगियों को चोटे आई थी। इसके बाद भी मुलायम सिंह अपने इरादे पर डटे रहे। 

उन्होंने इस दौरान कहा था कि मुलायम सिंह यादव जिंदा रहे या ना रहे क्रांति रथ का पहिया चलता रहेगा। उन्होंने गांधीवादी तरीके से अपना संघर्ष जारी रखा। क्रांति रथ यात्रा मैनपुरी, शिकोहाबाद फिरोजाबाद,एटा ,कासगंज, हाथरस और मथुरा से गुजरते हुए अलीगढ़ पहुंची। जहां गांधी पार्क में विशाल रैली हुई और फिर 15 अक्टूबर को लखनऊ में विशाल रैली हुई थी। इसी रैली में विपक्षी एकता की बुनियाद रखी थी।

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  • प्रशासन द्वारा रूट डायवर्ट करने की कोशिश हुई थी

इस बारे में सपा पूर्व विधायक विशंभर सिंह यादव ने बताया कि नेताजी की क्रांति रथ के दौरान मैं और डीएवी इंटर कॉलेज कानपुर छात्रसंघ के अध्यक्ष समरजीत सिंह भी शामिल रहे। जब नेताजी की रथ यात्रा बांदा पहुंची तो प्रशासन द्वारा रूट डायवर्ट करने की कोशिश की गई थी। लेकिन नेताजी ने स्पष्ट कहा था पहले से निर्धारित रूट पर ही हमारी यात्रा गुजरेगी। जब क्रांति रथ अशोक लाट और जहीर क्लब के पास पहुंचा तभी बड़ी संख्या में लोगों ने पथराव किया था। जिसमें नेताजी के सिर पर पत्थर लगा था और फतेहपुर के पूर्व मंत्री छोटे लाल यादव का  सर फट गया था।

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)

उन्होने बताया कि  यह सब सांप्रदायिक शक्तियों ने उन्हें डराने के लिए किया था, नतीजा उल्टा ही हुआ डरने की बजाय उनकी दृढ़ता में वृद्धि हुई और क्रांति रथ की यात्रा सफल भी हुई। उन्होंने कहा कि इसी धरती से उनके बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव  1 दिसम्बर को विजय रथ यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। निश्चित ही यह यात्रा पार्टी के लिए शुभ साबित होने वाली है और 3 महीने बाद प्रदेश में सपा की सरकार बनने वाली है।

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