राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में “भारतीय ज्ञान परंपरा” पर अतिथि व्याख्यान
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में साहित्यिक एवं ललित कला समिति, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति (IQAC) तथा विज्ञान भारती...

बाँदा। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बाँदा में साहित्यिक एवं ललित कला समिति, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति (IQAC) तथा विज्ञान भारती बाँदा–चित्रकूट विभाग के संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय ज्ञान परंपरा” विषय पर एक गरिमामय अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना एवं पूजन से हुआ। तत्पश्चात मुख्य अतिथि प्रो. देवेंद्र मोहन (प्रोफेसर, यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग, आईआईटी बीएचयू, वाराणसी) का स्वागत पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया गया। स्वागत भाषण अधिष्ठाता शैक्षणिक डॉ. सुरेंद्र कुमार यादव ने दिया।
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कॉलेज के निदेशक प्रो. एस. पी. शुक्ल ने मुख्य अतिथि का परिचय कराते हुए विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ने और उससे प्रेरणा लेने का संदेश दिया। इसके पश्चात मुख्य अतिथि प्रो. मोहन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें गणित, खगोलशास्त्र, रसायन विज्ञान, चिकित्सा और अभियंत्रण जैसे क्षेत्रों में भी विश्व को दिशा देने वाली अमूल्य धरोहर निहित है।
उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक और शोध का मूल स्रोत कहीं न कहीं हमारे प्राचीन ज्ञान में ही छिपा है। चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट और पाणिनि जैसे आचार्यों के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से भारतीय दृष्टिकोण अपनाने और अनुसंधान में उसे आत्मसात करने का आह्वान किया।
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प्रो. मोहन ने यह भी कहा कि यदि युवा पीढ़ी भारतीय परंपराओं और वैज्ञानिक सोच को आत्मसात करेगी तो भारत पुनः विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर होगा।
कार्यक्रम का संचालन द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा किया गया। अंत में डॉ. अनुराग चौहान ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस व्याख्यान कार्यक्रम का सफल आयोजन शारीरिक प्रशिक्षक हर्ष खरे की देखरेख में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षकगण, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे और भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्ता को आत्मसात किया।
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