हमीरपुर में मदरसों की जांच के दौरान शिक्षक भी उर्दू नहीं पढ़ पाए

शासन के निर्देश पर राठ में 12 बिंदुओं पर मदरसों की जांच की जा रही है, जांच से बचने के लिए ..

हमीरपुर में मदरसों की जांच के दौरान शिक्षक भी उर्दू नहीं पढ़ पाए

शासन के निर्देश पर राठ में 12 बिंदुओं पर मदरसों की जांच की जा रही है। जांच से बचने के लिए संचालक मदरसा बंद कर भाग खड़े हुए। अन्य मदरसे की जांच के दौरान एसडीएम ने अपना नाम उर्दू में लिख कर छात्रों से पढ़ने को कहा। छात्र तो दूर मदरसे के शिक्षक भी उर्दू नहीं पढ़ पाए।

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जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हिमांशु अग्रवाल व एसडीएम पवन प्रकाश पाठक की टीम ने गुरुवार को मदरसों की जांच की। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया बड़ी जुल्हैटी मोहल्ले में यतीमखाना नाम के भवन में तीन मदरसे संचालित हैं। पूछने पर भवन स्वामी की जानकारी नहीं मिली। मकदूमियां यतीमखाने में 56 बच्चे पंजीकृत हैं। मौके पर सात बच्चे ही मिले। हेडमास्टर मौलाना शाकिर ने कहा मदरसा संचालित नहीं करते। बच्चों को मुफ्त कोचिंग देते हैं। एसडीएम के कहने पर छात्रा हिंदी व उर्दू नहीं पढ़ पाई। एसडीएम ने अपना नाम उर्दू में लिख कर दिया। जिसे मदरसे में मौजूद दो शिक्षक भी नहीं पढ़ सके।

बड़े पीर साहब की दरगाह में संचालित गौशिया गरीब नवाज में तीन शिक्षक व 26 बच्चे मिले। बजरिया स्थित अलजामियां मदरसा में टीम पहुंचने पर संचालक मदरसा बंद कर चले गए। हिमांशु अग्रवाल ने बताया तीनों मदरसे बिना मान्यता के संचालित हैं। मदरसा संचालकों से पंजीकृत छात्रों के आधार कार्ड व सोसाइटी की प्रति उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। रिपोर्ट तैयार कर शासन को प्रेषित की जाएगी।

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