अद्भुत : अनाथ हो चुके चार शावकों की परवरिश कर रहा है नर बाघ

जंगल की निराली दुनिया में ऐसा कुछ न कुछ घटित होता रहता है, जिसे देख लोग अचंभित होते हैं और हैरत में पड़ जाते हैं..

May 25, 2021 - 07:42
May 25, 2021 - 07:45
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अद्भुत : अनाथ हो चुके चार शावकों की परवरिश कर रहा है नर बाघ
पन्ना टाइगर फाइल फोटो

जंगल की निराली दुनिया में ऐसा कुछ न कुछ घटित होता रहता है, जिसे देख लोग अचंभित होते हैं और हैरत में पड़ जाते हैं। ऐसा ही अद्भुत करिश्मा पन्ना टाइगर रिजर्व में इन दिनों देखने को मिल रहा है। दरअसल कम उम्र में ही अनाथ हो चुके चार शावकों की मां बाघिन 15 मई को जब असमय मौत हो गई तो नन्हे शावक बेसहारा हो गए।  लेकिन बाघों के स्वभाव व आचरण से हटकर इन शावकों का पिता नर बाघ पी-243 नन्हे शावकों की न सिर्फ रखवाली करता है अपितु उनका पालन-पोषण भी कर रहा है। 

बाघ पुनर्स्थापना योजना की चमत्कारिक सफलता के साथ-साथ अभिनव और अनूठे प्रयोगों के लिए भी पन्ना टाइगर रिजर्व देश व दुनिया में जाना जाता है। यहां दो अनाथ बाड़े में पली हुई बाघिनों को जंगली बनाने में अद्भुत सफलता मिली थी। यह वन क्षेत्र दुनिया भर के वन्यजीव प्रेमियों तथा वन अधिकारियों के लिए एक ऐसा केंद्र बन चुका है, जहां आकर वे यहां की कामयाबी व अनूठे प्रयोगों को न सिर्फ देखते और समझते हैं बल्कि अध्ययन भी करते हैं। अभी हाल ही में गत 15 मई को पन्ना टाइगर रिजर्व की 6 वर्षीय युवा बाघिन की अज्ञात कारणों के चलते मौत हो गई थी।

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इस बाघिन के चार नन्हे शावकों की जिंदगी में यह किसी वज्रपात से कम नहीं था। इन नन्हे शावकों की सुरक्षा, संरक्षण तथा उनके भविष्य को लेकर पार्क प्रबंधन असमंजस की स्थिति में था। प्रबंधन के सामने सिर्फ दो ही विकल्प थे, पहला यह कि उनका रेस्क्यू कर किसी सुरक्षित जगह में रखकर उनका पालन-पोषण हो। लेकिन यह उनके लिए किसी सजा से कम नहीं था क्योंकि चारों शावक स्वाभाविक प्राकृतिक जीवन से वंचित रह जाते। दूसरा विकल्प शावकों को जंगल में ही चुनौतियों के बीच संघर्ष करते हुए अपने आप को बचाने का अवसर प्रदान करना था, जो रिस्की और शावकों की जिंदगी के लिए खतरनाक था।



नर बाघ पी-243 जो शावकों का पिता है, उसके अप्रत्याशित और शावकों के प्रति सकारात्मक व्यवहार को देख पार्क प्रबंधन ने शावकों को रेस्क्यू कर उन्हें किसी जू में भेजने के बजाए खुले जंगल में ही रखने का बेहद साहसिक निर्णय लिया है। क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा बताते हैं कि बाघिन की मौत के बाद से नर बाघ उसी इलाके में हैं जहां चारों शावक हैं। नर बाघ यह एरिया छोड़कर कहीं भी अन्यत्र नहीं गया।

सबसे ज्यादा हैरत वाली बात यह है कि शावक भी नर बाघ के साथ सहज रूप से चहल-कदमी कर रहे हैं तथा उसके पीछे-पीछे घूमते और टहलते हैं। नर बाघ न सिर्फ शावकों की देखरेख कर रहा है, बल्कि उनके लिए खाने का भी प्रबंध करता है। श्री शर्मा बताते हैं कि आमतौर पर नर बाघों में इस तरह का व्यवहार देखने को नहीं मिलता। बाघों की जीवनचर्या व खुले जंगल में उनके व्यवहार पर जो भी शोध व अध्ययन हुए हैं, कहीं भी यह बात निकलकर नहीं आई कि मां की मौत होने पर अनाथ शावकों की देखरेख नर बाघ करता हो। लेकिन पन्ना में यह चमत्कार देखने को मिल रहा है।

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