गाँव-गाँव, पाँव-पाँव यात्रा का चित्रकूट में होगा समापन
बुंदेलखंड में गाँव-गाँव पाँव-पाँव यात्रा का मकसद ही है कि पृथक बुंदेलखंड राज्य आंदोलन की गाँवों से शहरों की...

विचार क्रांति जिस दिन परवान चढ़ेगी बुंदेलखंड पृथक राज्य बनना तय: राजा बुंदेला
चित्रकूट। बुंदेलखंड में गाँव-गाँव पाँव-पाँव यात्रा का मकसद ही है कि पृथक बुंदेलखंड राज्य आंदोलन की गाँवों से शहरों की ओर विचार क्रांति आए। दो चरणों में झांसी मंडल की यात्रा पूरी हो गई है। अगले दो चरणों में चित्रकूट मंडल में यात्रा चलेगी और समापन धर्मनगरी चित्रकूट में होगा। यह महज नारा नहीं जैसे दोगे वैसे लेंगे बुंदेलखंड तो लेंगे-लेंगे, बल्कि यह विचार क्रांति है। जिस दिन यह विचार क्रांति पूरे बुंदेलखंड में उफान भरेगी सबका सपना परवान चढ़ेगा और बुंदेलखंड पृथक राज्य बनेगा।
यह बात पृथक बुंदेलखंड राज्य आंदोलन के महानायक फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला ने लोनिवि निरीक्षण गृह कर्वी में पत्रकारों से रूबरू होकर कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बुंदेलखंड के लिए तीन विकल्प सुझाए हैं। पहला बुंदेलखंड को पृथक राज्य का दर्जा दिया जाए या फिर इसे केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाए नहीं तो यहां बोडोलैंड की तर्ज पर गर्वर्निंग काउंसिल बने। तीनों में से कोई एक विकल्प होने पर बुंदेलखंड का सर्वांगीण विकास होना तय है। पृथक बुंदेलखंड राज्य बुंदेलों का हक है और इस हक को पाने के लिए सभी को आगे आना होगा। गाँव-गाँव पदयात्रा के तहत पहले दो चरणों में ललितपुर और झांसी जिलों में यात्रा हुई। इसके बाद हमीरपुर के राठ कस्बे से अप्रैल के दूसरे पखवारे से यात्रा शुरु होगी। तीसरे चरण में हमीरपुर और महोबा और चौथे चरण में बाँदा इसके बाद समापन चित्रकूट में होगा। इस दौरान युवाओं के बीच विचार क्रांति की लहर तेज की जा रही है। अब आंदोलन को उग्रता की जरूरत नहीं है बल्कि विचार आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक सभी पृथक राज्य के पक्षधर हैं। देशभर में लोकसभा और विधानसभा की सीटों का परिसीमन होना है और ऐसे में पृथक राज्य की संभावना तेज हो गई है। गाँव-गाँव पाँव-पाँव यात्रा के दौरान प्रधानों से प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित समर्थन पत्र संकलित किए जा रहे हैं। इन पत्रों को यात्रा के बाद दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को सौंपा जाएगा। यात्रा में सूरज मंडल, पी निरुप रेड्डी, अशोक चौबे, मनीष तमंग जैसे विभिन्न राज्यों की लड़ाई लड़ने वाले दिग्गज यात्रा में मौजूद रहेंगे। पृथक बुंदेलखंड राज्य के लाखों समर्थक बुंदेलखंड में हैं। सभी वैचारिक रूप से अलग राज्य चाहते भी हैं। बस जरूरत है कि यह सभी लोग आंदोलन को विचार क्रांति में बदल दें।
बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह नें राजा बुंदेला का अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। इस मौके पर जालौन के बुंदेली सेना जिलाध्यक्ष शिवम चौहान सोनू, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव भारतीय किसान यूनियन प्रताप सिंह बुंदेला, शांती देवी इंटर कॉलेज पहाड़ी के प्रबंधक सुनील पटेल, पुष्पराज विश्वकर्मा, कर्वी माफी प्रधान प्रतिनिधि बद्री सिंह पटेल, अतुल सिंह, अशोक पटेल, राजकुमार सिंह, श्रीपाल सिंह समेंत पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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