राम की तपोभूमि की गरिमा बढाने को कल्याण सिंह ने चित्रकूट के नाम से बनाया था जिला व मंडल

विश्व के करोडों हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर आंदोलन के प्रमुख योद्धा रहे उत्तर प्रदेश..

राम की तपोभूमि की गरिमा बढाने को कल्याण सिंह ने चित्रकूट के नाम से बनाया था जिला व मंडल

विश्व के करोडों हिन्दुओं के आराध्य भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर आंदोलन के प्रमुख योद्धा रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का धर्म नगरी चित्रकूट से गहरा लगाव रहा है। भले ही राम मंदिर आंदोलन ने सूबे में कई सरकारें बनाई हों, लेकिन कल्याण सिंह इकलौते मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने राम काज में सहर्ष अपनी सरकार कुर्बान कर दी थी।

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पूर्व सीएम ने बसपा मुखिया मायावती द्वारा मुख्यमंत्रित्व काल में छत्रपति शाहूजी महाराज नगर के नाम से चित्रकूट को जिला बनाया था। जिसका तपोभूमि चित्रकूट के साधू-सतों ने खासा विरोध किया था। वहीं कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री बनने पर छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का नाम बदलकर चित्रकूट करने के साथ-साथ चित्रकूटधाम के नाम से बांदा को मंडल बनाकर भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट के गौरव को पुर्नस्थापित करने का काम किया था।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में जब मुस्लिम तुष्टिकरण अपने चरम पर था, तब उत्तर प्रदेश की राजनीति में उदय हुए हिंदुत्व के इस सूर्य कल्याण सिंह ने मुस्लिम तुष्टिकरण का अंत किया। जब कारसेवकों पर गोली चलवाकर यूपी की सत्ता बाबरी ढांचे की रक्षा कर रही थी। मुस्लिम आक्रांताओं की साजिशों की कैद में रामलला जकड़े थे। तब कल्याण सिंह ही वह देवदूत थे जिन्होंने रामलला के अनुयायियों को उस विवादित ढांचे को ढहाने का अवसर दिया। उसी एक अवसर ने आज के राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

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आपको बता दें कि, कल्याण सिंह ने पहली बार अतरौली विधान सभा इलाके से 1967 में चुनाव जीता और लगातार 1980 तक विधायक रहे। 1980 के विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह को कांग्रेस के टिकट पर अनवर खां ने पहली बार पराजित किया। लेकिन भाजपा की टिकट पर कल्याण सिंह ने 1985 के विधानसभा चुनाव में फिर कामयाबी हासिल की। तब से लेकर 2004 के विधानसभा चुनाव तक कल्याण सिंह अतरौली से विधायक रहे। साथ ही दो बार सांसद बनने का भी उन्हें अवसर मिला।

1991 में यूपी में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह नकल अध्यादेश की वजह से सारे देश में जाने गए। इसी के दम पर वो गुड गवर्नेंस की बात करते थे। कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री। बोर्ड परीक्षा में नकल करते हुए पकड़े जाने वालों को जेल भेजने के इस कानून ने कल्याण को सख्त प्रशासक बना दिया। यूपी में किताब रख के चीटिंग करने वालों के लिए ये अध्यादेश काल बन गया था।

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वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का प्रभु श्रीराम की तपोभूमि से भी गहरा लगाव रहा है। मुख्यमंत्री रहते वह दो बार चित्रकूट आए। उन्होंने ही चित्रकूट का नाम वापस लौटाया था। आपकों बता दें कि, छह मई 1997 को बांदा जिले से अलग कर तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने छत्रपति शाहू जी महाराज नगर के नाम से नया जिला बनाया था। इसमे कर्वी और मऊ तहसीलें थीं।

जिले से शाहू जी महाराज का दूर-दूर तक कोई वास्ता न होने के बावजूद यह नाम देना यहां के लोगों रास नहीं आया था। नाम बदलने की मांग उठने लगी थी। एक साल बाद जब कल्याण सिंह ने प्रदेश की कमान संभाली तो चार सितंबर 1998 को उन्होंने जिले का नाम बदल कर चित्रकूट कर दिया था। उनका मानना था कि चित्रकूट की पहचान छत्रपति शाहू जी महराज से खत्म हो जाती, क्योंकि यहां पर भगवान राम ने 11 साल छह माह 18 दिन गुजारे थे।

पूर्व मुख्यमंत्री वर्ष 1998 में दीनदयाल शोध संस्थान के तुलसी कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां आए थे, तभी उन्होंने जिला का नाम बदलने की घोषणा की थी। साथ ही गनीवां को ब्लाक बनाने की भी घोषणा की थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल कहते हैं कि कल्याण सिंह ’बाबू जी’ को चित्रकूट से बहुत प्यार था। मुख्यमंत्री रहते दो बार और तीन बार बिना मुख्यमंत्री रहते हुए यहां आए थे। राष्ट्रीय क्रांति पार्टी बनाने के बाद एक बार आए थे, तब उनके घर भी आए थे। वह बताते हैं, राममंदिर आंदोलन के समय कल्याण सिंह को मुलायम सरकार ने जिले के बरगढ़ में गिरफ्तार किया था। वह अयोध्या जा रहे थे। वन विभाग के डाक बंगला में एक दिन रखने के बाद उन्हें हमीरपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

जब उन्होंने भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय क्रांति पार्टी का गठन किया था तब राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चित्रकूट में दाे दिन तक प्रवास भी किया था। उनके निधन की जानकारी होते ही चित्रकूट के साधु संतों में भी शोक व्याप्त हो गया है।

धर्म नगरी के प्रमुख संत मदन गोपल दास महाराज, रामह्नदय दास महाराज, भरतशरण दास महाराज, आचार्य नवलेश दीक्षित, डा0रामनारायण त्रिपाठी आदि का कहना है कि राममंदिर आंदोलन के अपराजित योद्धा कल्याण सिंह यूपी की शान एवं करोडों हिन्दुओं की जान थे। उन्होने कहा कि रामभक्त कल्याण सिंह जैसे त्यागी राजनेताओं के दम पर ही आज विश्व के करोडों हिन्दुओं का जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण का सपना साकार हो रहा है।

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