अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पं. जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय, बाँदा में व्याप्त अनियमितताओं व भ्रष्टाचार पर उठाई आवाज
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जो विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है और पिछले 75 वर्षों से छात्रों के अधिकारों व समस्याओं के समाधान हेतु कार्यरत है...

बाँदा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जो विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है और पिछले 75 वर्षों से छात्रों के अधिकारों व समस्याओं के समाधान हेतु कार्यरत है, ने पं. जवाहरलाल नेहरू महाविद्यालय, बाँदा में चल रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का विरोध दर्ज कराया है। परिषद ने इस दौरान अनेक गंभीर मुद्दों को उठाते हुए महाविद्यालय प्रशासन से त्वरित जांच और कार्यवाही की मांग की है।
विद्यार्थी परिषद ने अपनी मांगों में कहा कि—
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स्नातक प्रवेश प्रक्रिया ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर छात्रों को बिना सूचना दिए प्रारंभ की गई, जो पारदर्शिता के विरुद्ध है।
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परास्नातक में OBC, SC/ST आरक्षण सीटों की गहन जांच कर प्रवेश सूची सार्वजनिक की जाए।
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महाविद्यालय का महिला छात्रावास वर्षों से निर्माण पूर्ण होने के बावजूद अब तक छात्राओं के लिए नहीं खोला गया है।
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महाविद्यालय स्टोर रजिस्टर की जांच कर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
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छात्रों से वाचनालय शुल्क के रूप में लगभग ₹4,80,000 लिए गए हैं, जबकि वाचनालय वर्षों से बंद है — इसे शीघ्र 24 घंटे छात्रों के लिए खोला जाए।
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खेलकूद शुल्क के रूप में करीब ₹9.60 लाख वसूले गए, परंतु मैदान में न बाउंड्रीवॉल है और न ही छात्रों को कोई खेल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
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स्पोर्ट्स स्टोर रजिस्टर की जांच कर धन के उपयोग की जानकारी सार्वजनिक की जाए।
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वाहन स्टैंड शुल्क के रूप में करीब ₹2 लाख वसूले जाने के बावजूद स्टैंड की स्थिति अत्यंत बदहाल है।
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वार्षिक पत्रिका शुल्क के रूप में करीब ₹4 लाख जमा किए गए हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से कोई पत्रिका प्रकाशित नहीं हुई।
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NEP आधारित पाठ्यक्रम की पुस्तकें अब तक छात्रों को उपलब्ध नहीं कराई गईं।
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जर्जर भवनों में छात्रों को अध्ययन हेतु मजबूर किया जा रहा है।
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निर्धन एवं कल्याण शुल्क के रूप में करीब ₹2 लाख लिए गए, परंतु लाभान्वित छात्रों की सूची प्रकाशित नहीं की गई।
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परिषद ने यह भी आरोप लगाया कि महाविद्यालय की गतिविधियों में प्राचार्य के दोनों पुत्र संलिप्त रहते हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।
परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि इन सभी मुद्दों की जल्द जांच कर कार्यवाही नहीं की गई, तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद क्रमिक अनशन के लिए बाध्य होगा।
जिला सह-संयोजक कार्तिकेय गुप्ता ने कहा कि “छात्रों से शुल्क के माध्यम से वसूली गई धनराशि का उपयोग छात्रों के हित में होना चाहिए, न कि घोटाले में। यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्यवाही नहीं की तो परिषद बड़े आंदोलन और क्रमिक अनशन की राह पर चलेगी।”
इस अवसर पर विभाग संगठन मंत्री शिवम पांडेय, किरात यादव, अर्पित द्विवेदी, दिलीप यादव, सुमित यादव, अभिलाष, ज्ञानदत्त तिवारी, रोहित, सूरज यादव, ऋषभ सिंह गौतम, रमाकांत, हर्षित, ओमप्रकाश गुप्ता, सुनील, हर्षित कुशवाहा सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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