श्रीरामचरित मानस को घोषित किया जाए राष्ट्रीय ग्रंथ - जगदगुरु रामभद्राचार्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज की हस्तलिखित तीन किताबों...

श्रीरामचरित मानस को घोषित किया जाए राष्ट्रीय ग्रंथ - जगदगुरु रामभद्राचार्य

जगदगुरु की हस्तलिखित किताबों का किया विमोचन

चित्रकूट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य महाराज की हस्तलिखित तीन किताबों का विमोचन कर कहा कि गुलामी के कालखंड में भारत को तरह तरह से उखाडने का प्रयास हुआ। इन्हीं में से एक संस्कृत भाषा का पूरा विनाश करना भी था। हम आजाद हुए लेकिन जिन लोगों में गुलामी की मानसिकता नहीं गई वह संस्कृत के प्रति बैर भाव पालते रहे। यह हमारी प्रगति व पहचान की भाषा है।

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हजारों वर्षों में कई भाषाएं आई व गईं लेकिन संस्कृत भाषा समय के साथ परिष्कृत तो लेकिन प्रदूषित नहीं। 14 महेश्वर सूत्रों पर टिकी भाषा हजारों वर्षों से शस्त्र व शास्त्र दोनों विधाओं की जननी है। इसी दौरान जगदुगुरु की उन्होंने तारीफ की। जगदगुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए। 

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