शिवरंजनी तिवारी ’प्राणनाथ‘ से नही कह सकी मन की बात,बागेश्वर बाबा से बिना मिले लौटना पडा

गंगोत्री धाम से बागेश्वर धाम पहुंची एमबीबीएस  स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी को ’प्राणनाथ‘ से मिले बिना ही वापस लौटना पड़ा। दरअसल, वह बागेश्वर ...

शिवरंजनी तिवारी ’प्राणनाथ‘ से नही कह सकी मन की बात,बागेश्वर बाबा से बिना मिले लौटना पडा

गंगोत्री धाम से बागेश्वर धाम पहुंची एमबीबीएस  स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी को ’प्राणनाथ‘ से मिले बिना ही वापस लौटना पड़ा। दरअसल, वह बागेश्वर बाबा यानि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से शादी का संकल्प लिए 1300 किलोमीटर पैदल चलकर यहां पहुंची थीं। लेकिन बाबा के दर्शन उन्हें नहीं हो पाए और अब उनसे बिना मिले ही शिवरंजनी को लौटना पड़ा।बता दें, बागेश्वर बाबा 15 जून से ही अज्ञातवास पर जा चुके हैं।

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 शिवरंजनी शुक्रवार रात को बागेश्वर धाम पहुंची थी जहां जल चढ़ाकर वापस लौट आई। शिवरंजनी ने मीडिया से कहां कि वह शादी की इच्छा लेकर नहीं आई। वह बागेश्वर धाम के दर्शन करने पहुंचे पहुंची थी । 2 दिन पहले शिवरंजनी की छतरपुर पहुंचते ही अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। वह इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंची जहां से इलाज करने के बाद उनको डिस्चार्ज कर दिया गया। उसके बाद से बागेश्वर धाम के लिए जल चढ़ाने निकली थी।शिवरंजनी तिवारी एमबीबीएस की छात्रा हैं और भजन गायिका के तौर पर जानी जाती हैं। पिता पंडित बैजनाथ तिवारी का दावा है कि उनके परिवार का संबंध मध्यप्रदेश के सिवनी में जन्मे ब्रह्मलीन जगदगुरुस्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज से जुड़ा हुआ है। पैतृक गांव चंदौरीकला (दिघौरी) है। जो सिवनी में पड़ता है। हालांकि शिवरंजनी तिवारी का परिवार पिछले 25 सालों से हरिद्वार में रहता है।

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पिता बैजनाथ तिवारी ने नागपुर के बीआर इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह एक बाइक कंपनी में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे, लेकिन पांच साल पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब वह अपनी बेटी शिवरंजनी तिवारी के साथ भजन कार्यक्रमों के आयोजन में सहायता करते हैं। मां कैंसर दवाओं की विशेषज्ञ हैं। वह वर्तमान में अमेरिका के सेंट फ्रांसिस में एक निजी कंपनी में विभाग प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं। शिवरंजनी तिवारी ने गंगोत्री से एक मई को कलश यात्रा निकाली थी। भीषण गर्मी के बावजूद शिवरंजनी तिवारी 30 से 40 किलोमीटर की यात्रा प्रतिदिन की।

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