श्री कृष्ण के हर एक लीलाओं मे आत्मदर्शन : नवलेश दीक्षित
श्रीमद भगवत कथा के पंचम दिवस मे आचार्य नवलेश दीक्षित ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओ का वर्णन करते हुए...
आचार्य ने पंचम दिवस मे भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओ का किया वर्णन
चित्रकूट। श्रीमद भगवत कथा के पंचम दिवस मे आचार्य नवलेश दीक्षित ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओ का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान ने मिट्टी खा कर मिट्टी को शुद्ध किया। कलिया नाग को मान मर्दन कर जल तत्व को शुद्ध किया।
मानिकपुर मुख्यालय मे चल रही भगवत कथा के पंचम दिवस पर आचार्य नवलेश दीक्षित ने कहा की जब-जब संसार मे अत्याचार बढ़ता है। तभी अधर्म को समाप्त करने के लिए भगवान जन्म लेकर धर्म की स्थापना करके वेद, शास्त्र, संतो, महापुरषो की रक्षा करते है। जन्म जन्मांतर, कल्प कल्पंतर, युगांतर के वरदानो को सत्य करने के लिए द्वापर के अंत मे लीला पुरषोत्तम बिहारी श्री कृष्ण का अवतार होता है। भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाएं जीव को आनद मग्न करने जीवन को उत्साहो से परिपूर्ण करती है। जो तन्मयता का दान करे उसी का नाम लीला है। श्री कृष्ण के हर एक लीलाओं मे आत्मदर्शन भरा है। माखन चोरी लीला गोपियों के बिसुद्ध मन को चुराना ही माखन चोरी लीला है। हर एक इन्द्रियों से जो श्री कृष्ण रस का पान करती है। उन्ही का नाम गोपी है। उन्होंनेे बताया की गिरिराज गोवर्धन का तात्विक् विवेचन करते होते कहा की जो इन्द्रियों का वर्धन को उसी का नाम गोवर्धन है। श्री कृष्ण गोवर्धन पूजा करा कर प्रकृति पूजा का संदेश देते है। इस मौके पर यजमान श्रीमती फूलमती, डा विष्णुकांत कुशवाहा, संतोष कुशवाहा, पूर्व चेयरमैन विनोद द्विवेदी, डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन मौजूद रहे।