तीन साल से रुकी रेल पहिया निर्माण की गति अब होगी तेज़

तीन साल से रुकी रेल पहिया निर्माण की गति अब तेज़ होने वाली है, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्लांट में जर्मन इंजीनियरों ने अपना काम सम्भलना शुरू..

तीन साल से रुकी रेल पहिया निर्माण की गति अब होगी तेज़
फाइल फोटो

रायबरेली,

  • जर्मन इंजीनियरों ने संभाला काम

तीन साल से रुकी रेल पहिया निर्माण की गति अब तेज़ होने वाली है, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि प्लांट में जर्मन इंजीनियरों ने अपना काम सम्भलना शुरू कर दिया है। जिससे रेल पहिया निर्माण में तेजी आने के आसार हैं। दरअसल, लालगंज स्थित रेल पहिया कारखाना में लिंकहाफ मैन बुश तकनीक पर बनने वाले रेलडिब्बों में लगने वाले रेल पहियों का निर्माण जर्मन तकनीक पर हो रहा है।

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जिसके लिए मशीनें और वहां से आईं हैं। इन सभी के इंस्टॉलेशन से लेकर ऑपरेशन तक के लिए जर्मन इंजीनियर ही सक्षम हैं और कारखाने में करीब दो दर्जन इंजीनियर वहां से नियुक्त भी हुए हैं, लेकिन कोरोना सहित कई अन्य कारणों से ये इंजीनियर नियमित रूप से यहां सेवा नहीं दे पा रहे थे। अब आधा दर्जन जर्मन इंजीनियर लालगंज स्थित रेलपहिया कारखाना में वापस आ चुके हैं। जिससे शीघ्र ही यहां पर एलएचबी रेलपहियों के निर्माण का कार्य शुरू होगा।

राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के रेलपहिया कारखाना का शिलांयास 2013 में हुआ था। 1683 करोड़ की लागत से 27 एकड़ भूमि पर बने कारखाने में लोको एवं एलएचबी रेलपहियों का उत्पादन होना है। जर्मन इंजीनियरों की वजह से यहां पर उत्पादन में देरी होती रही। पहले मशीनों को जर्मनी से लाकर उन्हें लगाने बाद में कोरोना के चलते उनके स्वदेश चले जाने से पहिया उत्पादन धीमी गति से चलता रहा। एक हजार लोको पहियों को तो किसी तरह बनाकर तैयार किया गया।

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22 दिसंबर 2021 को 51 लोको पहियों की पहली खेप निकली। बाद में यहां से राजस्थान के अजमेर,कर्नाटक के मैसूर, तमिलनाडु के त्रिचनापल्ली आदि जगहों पर पहिए भेजे गए। दिसंबर माह में क्रिसमस का त्यौहार होने के चलते जर्मन इंजीनियर वापस स्वदेश लौट गए। लगभद दो दर्जन जर्मन इंजीनियरों में अब तक आधा दर्जन इंजीनियर ही वापस लौटे हैं।

एलएचबी रेलपहिया बनाने के लिए लोको पहिये की डाई हटाकर उसके स्थान पर एलएचबी पहिया बनाने की डाई लगानी होगी। अभी यह काम भी शुरू नहीं हो सका है। कारखाने के महाप्रबंधक समीर हलधर का कहना है कि आधा दर्जन जर्मन इंजीनियर आ गए हैं। जर्मन इंजीनियर पहिया निर्माण के लिए प्लान देंगे। उच्चाधिकारियों के साथ बैठक हो गयी है। शीघ्र पहिया निर्माण शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

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हि.स

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