बिजली उपभोक्ताओं को झटका! स्मार्ट मीटर के लिए चुकाने होंगे 25 हजार रुपये

प्रदेश के 1.80 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को एक अप्रैल से स्मार्ट मीटर के नाम पर झटका लग सकता है। उपभोक्ताओं को...

बिजली उपभोक्ताओं को झटका! स्मार्ट मीटर के लिए चुकाने होंगे 25 हजार रुपये
सांकेतिक फ़ोटो - सोशल मीडिया

भोपाल। प्रदेश के 1.80 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को एक अप्रैल से स्मार्ट मीटर के नाम पर झटका लग सकता है। उपभोक्ताओं को अगले 10 वर्षों तक किस्तों में लगभग 25 हजार रुपए चुकाने होंगे। यह राशि हर महीने के बिजली बिल में जुड़कर टैरिफ के रूप में वसूली जाएगी, लेकिन इसे बिल के किसी कॉलम में अलग से नहीं दर्शाया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को इसका पता नहीं चल पाएगा।

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि स्मार्ट मीटर की राशि उपभोक्ताओं से लिए जाने का प्रावधान पहले से है। पहले भी लगाए गए मीटरों की लागत उपभोक्ताओं से ही वसूली गई थी।

आपत्ति पर आयोग करेगा सुनवाई

बिजली मामलों के विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल और सेवानिवृत्त एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश चौधरी ने इस मामले में नियामक आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है। इस याचिका पर 11 फरवरी से इंदौर में सुनवाई शुरू होगी। जबलपुर के उपभोक्ताओं की सुनवाई 13 फरवरी को और भोपाल के उपभोक्ताओं की वर्चुअल सुनवाई 14 फरवरी को तय की गई है।

स्मार्ट मीटर के लिए 754 करोड़ रुपए की मांग

एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विद्युत नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत याचिका में स्मार्ट मीटर के लिए 754.32 करोड़ रुपए की मांग की है। इसमें स्मार्ट मीटर की प्रारंभिक किस्त व मासिक लॉज शुल्क (केपैक्स लागत) के रूप में 544.66 करोड़ रुपए और निगरानी व रखरखाव (ओपेक्स लागत) के लिए 209.66 करोड़ रुपए शामिल हैं।

उपभोक्ताओं के लिए यह नई व्यवस्था आर्थिक रूप से कितनी व्यावहारिक होगी, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।अनूप दुबौलिया भोपाल, प्रदेश के 1.80 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं की एक अप्रैल से स्मार्ट मीटर के नाम का झटका लग सकता है। बजह यह कि उपभोक्ताओं को इसके 10 साल तक किस्तों में लगभग 25 हजार रुपए देने पड़ेंगे। यह राशि किस्तों के रूप में हर महीने के बिल में जुड़कर आती रहेगी, लेकिन टैरिफ के नाम पर बसूली जाएगी। यह बिल के किसी कॉलम में अलग से नहीं दिखेगी। इस कारण उपभोक्ताओं को इसका पता ही नहीं चल पाएगा। मप्न ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मीटर की राशि उपभोक्ताओं से ही लिए जाने का प्रावधान पहले से है। इसके पहले भी जो मीटर लगे, उनका शुल्क भी उपभोक्ताओं से लिया गया है। आपत्ति पर आयोग करेगा सुनवाई बिजली मामलों के एक्सपर्ट और रिटायर्ड एडिशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल और रिटायर्ड एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश चौधरी ने इस संबंध में नियामक आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है। इस याचिका पर 11 फरवरी से इंदौर में सुनवाई शुरू की जाएगी। 13 फरवरी को जबलपुर और 14 फरवरी को भोपाल के उपभोक्ताओं की वर्चुअल सुनवाई के लिए दिन तय किए गए हैं।

स्मार्ट मीटर के लिए 754 करोड़ मांगे एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025, 26 के लिए विद्युत नियामक आयोग के सामने दायर याचिका में स्मार्ट मीटर के लिए 754.32 करोड़ रु. मांगे हैं। इसमें स्मार्ट मीटर की प्रारंभिक किस्त व मासिक लॉज शुल्क (केपैक्स लागत) 544.66 करोड़ रु. और निगरानी रखरखाव (ओपेक्स लागत) के लिए 209.66 करोड़ रु. की राशि बताई गई है।

  • Nami Kumar
    Nami Kumar
    Kumar
    13 days ago Reply 0
  • Raja kumar
    Raja kumar
    Saidabad
    13 days ago Reply 0
  • Saurabh
    Saurabh
    ⚔️????????????
    13 days ago Reply 0
  • Rudal kumar mandal
    Rudal kumar mandal
    reCAPTCHA
    14 days ago Reply 0

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