प्राकृतिक जलस्रोतों से भरे ललितपुर के बांध और जलाशय ईको टूरिज्म में विकसित होंगे
मुख्यमंत्री ने ईको टूरिज्म विकास बोर्ड का गठन किया है। इसकेे तहत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईको टूरिज्म को विकसित...
मुख्यमंत्री ने ईको टूरिज्म विकास बोर्ड का गठन किया है। इसकेे तहत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईको टूरिज्म को विकसित करने के लिए काम किया जाएगा। प्राकृतिक जलस्रोतों से भरे ललितपुर को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इसके लिए पर्यटन निदेशक ने सिंचाई विभाग से जलाशयों, अतिथि गृह और सरोवरों की सूची मांगी है। विभाग सूची तैयार करने में जुट गया है।
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जिले को बांधों का शहर कहा जाता है। यहां पर सर्वाधिक 13 बांध हैं। कई बांध ऐसे हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं। जिसमें गोविंद सागर बांध की साइफन प्रणाली प्राचीन पद्धति से तैयार की गई। यह साइफन हवा के दबाव से स्वतः संचालित होते हैं। ऐसे ही माताटीला बांध में विद्युत उत्पादन गृह भी शामिल है। ऐसे में जिले में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं।
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करीब दो साल पहले शासन ने प्रयागराज से राजघाट बांध तक सी प्लेन चलाने की योजना बनाई थी। जिसके लिए जलाशय का चार किलोमीटर का ओपन स्पेस जरूरी था। सर्वे में राजघाट बांध में यह स्पेस मिला था। जिले से रिपोर्ट शासन को भेज दी गई। वर्तमान में यह योजना शासन में लंबित है। इस बारे में जिलाधिकारी ललितपुर आलोक सिंह ने बताया कि जिले में सिंचाई के संसाधनों को ईको टूरिज्म से जोड़ने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। जिले में कई बांध व सरोवरों का सौंदर्य अद्भुत है। शासन को सिंचाई विभाग द्वारा सूची उपलब्ध कराई जा रही है।
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