दहेज उत्पीड़न मामले में पति, सास और ससुर को आठ साल की सजा
बांदा जिले के बदौसा क्षेत्र के बरकतपुर गांव में दहेज के लिए महिला को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में...
बांदा। बांदा जिले के बदौसा क्षेत्र के बरकतपुर गांव में दहेज के लिए महिला को प्रताड़ित कर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी पति, सास और ससुर को 8-8 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला बांदा सत्र न्यायालय ने सुनाया, जिसमें प्रत्येक दोषी पर 27-27 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
मामला वर्ष 2017 का है जब बदौसा थाना क्षेत्र के बरकतपुर गांव की रहने वाली सफीना को उसके पति इशरत खां, ससुर अमीर हसन और सास अनीशा द्वारा दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इस उत्पीड़न से तंग आकर सफीना ने 7 जनवरी 2017 को अपने घर में खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद, सफीना के भाई लतीफ खां ने बदौसा थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।
इस मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया। साथ ही 3/4 डीपी एक्ट के तहत भी आरोप दर्ज किए गए। विवेचना की जिम्मेदारी तत्कालीन उपनिरीक्षक नरेंद्र कुमार शुक्ल को सौंपी गई, जिन्होंने इस केस की बारीकी से जांच की और साक्ष्य संकलन किया। विवेचक ने तत्परता दिखाते हुए 7 अप्रैल 2017 को आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया।
इस मामले की प्रभावी पैरवी लोक अभियोजक विजय बहादुर और उमाशंकर पाल द्वारा की गई, जिन्होंने कोर्ट में साक्ष्यों और तर्कों के साथ अभियुक्तों के खिलाफ मजबूत केस प्रस्तुत किया। इसके अलावा, कोर्ट मोहर्रिर भानू प्रताप और पैरोकार राहुल वर्मा ने भी इस मामले में अभियुक्तों को सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंततः बांदा सत्र न्यायालय ने आरोपी पति इशरत खां, ससुर अमीर हसन और सास अनीशा को दोषी ठहराते हुए 8-8 साल के कठोर कारावास और 27-27 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
हिन्दुस्थान समाचार