निर्भया फंड की मदद से बांदा सहित, इन 14 रेलवे स्टेशनों में आधुनिक कैमरे लगेंगे
झांसी रेल मंडल के बांदा सहित 14 स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने को निर्भया फंड का भी इस्तेमाल होगा। इसकी मदद से रेल...
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झांसी रेल मंडल के बांदा सहित 14 स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने को निर्भया फंड का भी इस्तेमाल होगा। इसकी मदद से रेल स्टेशन में आधुनिक सुरक्षा उपकरण लगाए जाएंगे। अभी जो रेल स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनकी जगह एआई तकनीक पर आधारित आधुनिक कैमरे लगेंगे, जिनके भीतर डेटा विश्लेषण की क्षमता होगी। अगले वर्ष जनवरी तक यह काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
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बताया जा रहा है कि काफी समय से केंद्र सरकार के पास पड़ी निर्भया फंड की रकम खर्च नहीं हो पा रही थी। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने पिछले माह इस फंड को रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने में खर्च करने का निर्णय लिया। इनमें 14 स्टेशन झांसी मंडल के भी शामिल हैं।
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इनमें झांसी रेल मंडल के बबीना, ललितपुर, दतिया, डबरा, धौलपुर, ग्वालियर, बांदा, चित्रकूट धाम, खजुराहो, महोबा, मानिकपुर, मुरैना, उरई एवं अतर्रा स्टेशनों को चुना गया है। रेल अफसरों का कहना है कि पहली दफा अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल होगा।
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रेल स्टेशनों पर अभी जो सीसीटीवी कैमरे लगे हैं वह अधिक प्रभावी नहीं हैं। इनकी जगह एआई तकनीक पर आधारित आधुनिक कैमरे लगेंगे जिनके भीतर डेटा विश्लेषण की क्षमता होगी। सभी स्टेशनों पर लगे कैमरे मिलकर एक नेटवर्क तैयार करेंगे, जो अपराधियों की पहचान करेगा। अपराधियों के स्टेशन के भीतर घुसते ही यहां लगे हूटर बज उठेंगे। इन कैमरों से प्रतीक्षालय, आरक्षण कांउटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश एवं निकास द्वार, प्लेटफार्म फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय को जोड़ा जाएगा।
जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह के मुताबिक इस परियोजना में रेल टेल की मदद ली जा रही है। इससे स्टेशनों की सुरक्षा बेहतर हो सकेगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित इस सिस्टम में एनालिटिक्स सॉफ्टेवयर, वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टेवयर एवं फेशियल रिकॉगनिशन साफ्टवेयर का इस्तेमाल होगा। स्टेशन में आने वाले सभी यात्रियों का डेटा केंद्रीय सर्वर भेजा जाएगा। यहां चंद मिनट में यात्रियों का पूरा डेटा स्कैन हो जाएगा।
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