भले हम अंग्रेजी में ज्ञान प्राप्त करें लेकिन दिल हिंदी वाला होना चाहिए : मंडलायुक्त

राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बांदा में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में मंडलायुक्त चित्रकूट धाम मंडल..

भले हम अंग्रेजी में ज्ञान प्राप्त करें लेकिन दिल हिंदी वाला होना चाहिए : मंडलायुक्त

बांदा, 

राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय बांदा में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में मंडलायुक्त चित्रकूट धाम मंडल बांदा आर.पी.सिंह ने अपने उदगार  व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी राष्ट्रीय एकता और अखंडता का सेतु है और उसे मजबूत बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। हिंदी के साथ अन्य भाषाओं से सामंजस्य की बात रेखांकित करते हुए इस बात पर बल दिया कि भले हम अंग्रेजी में ज्ञान प्राप्त करें लेकिन हमारा दिल हिंदी वाला होना चाहिए।           

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इसके पहले उन्होने मेधा मिश्रा और प्रियांशी रैकवार को चंद्रपाल कश्यप स्मृति कविता सम्मान - 2022 प्रदान किया। 2020 से शुरू किया यह पुरस्कार महिला डिग्री कालेज के हिंदी विभाग द्वारा कविता और साहित्य में अभिरुचि रखने वाली छात्राओं को प्रदान किया जाता है।  उक्त पुरस्कार की 2200 रुपए की धनराशि की व्यवस्था स्व. चंद्रपाल कश्यप के पुत्र प्रारब्ध कश्यप द्वारा की जाती है। 

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे हिंदी के वरिष्ठ कवि नरेंद्र पुंडरीक ने अपनी कविताओं के माध्यम से कवि की समाज में भूमिका को रेखांकित किया। बांदा डीसीडीएफ के अध्यक्ष सुधीर सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए हिंदी के वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों और संभावनाओं  को रेखांकित करते हुए इस बात पर बल दिया कि साहित्य मनुष्य को संवेदनशील बनाता है। सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट विकास कुमार सिंह ने अपनी कविताएं और विचार साझा किए। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ दीपाली गुप्ता ने कहा कि हिंदी भारतीय जनमानस की भाषा है और आज हिंदी को एक नई वैश्विक पहचान मिली है । 

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स्वागत वक्तव्य देते हुए हिंदी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकिता तिवारी ने हिंदी को किसान ,मजदूर और संघर्षशील चेतना की भाषा कहा। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी भारतीय अस्मिता की प्रतीक है जिसमें किसी भाषा का विरोध नहीं,सभी भाषाओं का स्वीकार है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शशिभूषण मिश्र ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी भाषा और साहित्य के योगदान को उल्लेखनीय बताते हुए रामनरेश त्रिपाठी की कविता का पाठ किया ।

उक्त अवसर पर डॉ. सबीहा रहमानी, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ जय कुमार चौरसिया, डॉ. माया वर्मा, डॉ.जयप्रकाश सिंह, डॉ.सपना सिंह, डॉ. ज्योति मिश्रा, डॉ. विनोद सिंह चंदेल, डॉ.मोहम्मद अफजल, डॉ. सुधा तिवारी, डॉ अस्तुति वर्मा, डॉ.नीतू सिंह आदि शिक्षक मौजूद रहे। हिंदी विभाग की छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहीं ।

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