बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन द्वारा आयोजित "स्वाभिमान" अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में गूंजी राष्ट्रभक्ति की गूंज
बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन द्वारा शुक्रवार रात्रि को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज प्रेक्षागृह में वीर शिरोमणि महाराणा...

बांदा। बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन द्वारा शुक्रवार रात्रि को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज प्रेक्षागृह में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के पावन अवसर पर "स्वाभिमान" शीर्षक से एक भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह आयोजन वीरता, देशप्रेम, महिला सशक्तिकरण और समकालीन मुद्दों पर आधारित ओजस्वी काव्य प्रस्तुतियों के लिए यादगार बन गया।
देशभर से आमंत्रित ख्यातिप्राप्त कवियों ने अपनी ओजपूर्ण, राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण एवं व्यंग्यात्मक रचनाओं से श्रोताओं के हृदय में देशभक्ति की भावना का ज्वार भर दिया।
आमंत्रित कवियों में प्रमुख रूप से शामिल रहे:
पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे (हास्य एवं व्यंग्य – रायपुर, छत्तीसगढ़)
अनामिका जैन अंबर (प्रसिद्ध राष्ट्रवादी कवयित्री – ललितपुर)
योगेंद्र शर्मा (वीर रस – भीलवाड़ा, राजस्थान)
प्रवीण शुक्ला (हास्य कवि – हरियाणा)
कविता तिवारी (वीर रस – लखनऊ)
पंकज पंडित (वीर रस – ललितपुर)
मंजूषा पंवार (श्रृंगार रस – फरीदाबाद, हरियाणा)
वीर रस कवि योगेंद्र शर्मा की जोशीली कविता –
"एक शीश के बदले हमने दस शीश काटे होते,
दो-चार दरिंदों की फांसी लाल किले में होती,
तो पाकिस्तान की हिंदुस्तान में घुसने की हिम्मत न होती।"
ने श्रोताओं में जोश का संचार कर दिया।
फरीदाबाद से आईं कवयित्री मंजूषा पंवार ने पहलगाम नरसंहार पर आधारित अपनी भावुक कविता –
"मार दिया पति को, मेहंदी अभी छूट न पाई थी,
हिंदू होने की महिला ने कैसी कीमत चुकाई थी।"
से उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया।
अनामिका जैन अंबर की रचना –
"रानी लक्ष्मीबाई चूड़ियां उतार, तलवार धार लेती है,
दुर्गा बनकर टूट पड़ी तो अरिदल की फिर शामत है।"
ने वीरांगनाओं की वीरता को जीवंत कर दिया। उनकी अन्य कविता "कविता तुमको बतलाएगी, क्या सिंदूर की कीमत है" भी खूब सराही गई।
कार्यक्रम का सधा हुआ संचालन प्रवीण शुक्ला ने किया और उन्होंने अपने हास्य और व्यंग्य से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया, जबकि कविता तिवारी ने "सिंदूर ऑपरेशन" पर ओजस्वी कविता सुनाकर लोगों को खड़े होकर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
साथ में पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे जी उन्होंने पाकिस्तान पर तीखे कटाक्ष करते हुए पढ़ा –
"एक बात सुन ले पाकिस्तान,
शांत है तो भारत,
भड़क गए तो महाभारत।"
तथा
"पाकिस्तान कश्मीर के लिए नहीं,
अब कराची के लिए सोच।"
कार्यक्रम में पूज्यनीय कुरसेजा महाराज जी , मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद, उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, हमीरपुर-महोबा के पूर्व सांसद कुमार पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, विधान परिषद सदस्य जितेन्द्र सिंह सेंगर, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल, नगर पालिका परिषद बांदा की अध्यक्ष मालती बासु, अतर्रा नगर पालिका अध्यक्ष संगीता निराला, बबेरु चैयरमैन विवेकानंद गुप्ता, मटौंध चैयरमैन सुधीर सिंह एवं अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे!
प्रवीण सिंह, जो बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन के संस्थापक हैं। उन्होंने युवाओं को राष्ट्र निर्माण में प्रेरित करने के उद्देश्य से इस तरह के आयोजनों की शुरुआत की। सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने में उनका योगदान उल्लेखनीय है।
कार्यक्रम की आयोजन समिति में दिनेश दीक्षित, जगराम सिंह चौहान, कल्लू सिंह राजपूत, मनोज पुरवार, श्यामजी निगम, अमित सेठ ‘भोलू’, वंदना गुप्ता, देशराज सिंह, दिलीप गुप्ता व शशांक सिंह परमार, कमलेश पटेल, सर्वेश सिंह पटेल, हिमांशु सिंह, कार्तिक निगम, अभय प्रताप सिंह, दीपू सिंह, अतुल साहू, मोहित गुप्ता, अमन जैन, रमन मिश्र, अंकुर धुरिया का योगदान सराहनीय रहा। मंच संचालन की जिम्मेदारी पंकज रावत ने निभाई।
कार्यक्रम के अंत में आयोजक प्रवीण सिंह ने सभी अतिथियों, कवियों और श्रोताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि –
"यह आयोजन वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को सच्ची काव्यांजलि है, और युवाओं में राष्ट्रप्रेम व आत्मगौरव की भावना को जागृत करना ही हमारा उद्देश्य है।”
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