निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मंत्री को दी अहम जानकारी, कई प्रस्तावों से भी कराया अवगत

जल शक्ति विभाग मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत रैपुरा ग्राम समूह पेयजल योजना, 29 एमएलडी...

Sep 13, 2024 - 00:15
Sep 13, 2024 - 00:17
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निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मंत्री को दी अहम जानकारी, कई प्रस्तावों से भी कराया अवगत

मंदाकिनी नदी व नालों की कराएं सफाई : मंत्री

चित्रकूट। जल शक्ति विभाग मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जल जीवन मिशन के अन्तर्गत रैपुरा ग्राम समूह पेयजल योजना, 29 एमएलडी वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट तथा सिंचाई विभाग से निर्मित गुन्ता बांध का निरीक्षण किया।

अधिशाषी अभियन्ता शशिकान्त प्रसाद ने मंत्री को अवगत कराया कि जनपद में चार बडे बांध ओहन, बरूआ, गुन्ता एवं रसिन हैं। वर्तमान में ओहन बांध में 27ः, बरूआ बांध में 19, गुन्ता बांध में 65, रसिन बांध में 56 प्रतिशत पानी भरा है। बताया कि गुन्ता बांध का निर्माण वर्ष 1986 में हुआ था। जिसकी पूर्ण भण्डारण क्षमता 28.80 मिघमी के सापेक्ष वर्तमान में 15.94 मिघमी भरा है जो लगभग 65 प्रतिशत है। इससे निकली नहर प्रणाली की कुल लम्बाई 64.270 किमी है। गुन्ता नहर प्रणाली से लगभग 4 हजार हे. सिंचाई की जाती है। वर्तमान में नहरों का संचालन हो रहा है। जिससे मऊ एवं मानिकपुर तहसील के अन्तर्गत क्षेत्र में सिंचाई हो रही है। अधीक्षण अभियन्ता सिंचाई कार्य मण्डल बांदा ने अवगत कराया कि बरूआ बांध को फीड करने के लिए बानगंगा नदी से बरूआ बांध लिंक चैनल की परियोजना विस्तृत सर्वेक्षण कराकर तैयार कर पुनः मुख्य अभियन्ता समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। राजापुर में निर्मित लघुडाल पम्प नहर का क्षमता वृद्धि को परियोजना तैयार कर ओहन बांध को फीड करने के लिए शीघ्र ही कार्य योजना प्रस्तुत की जायेगी।

मंत्री ने मंदाकिनी नदी के उद्गम स्थल में जल प्रवाह की स्थिति आदि के सम्बन्ध में जानकारी की। इस पर अधिशाषी अभियन्ता सिंचाई प्रखण्ड प्रथम कर्वी ने बताया कि मंदाकिनी नदी मध्य प्रदेश में मझगवां क्षेत्र के पश्चात् माँ सती अनुसुइया होते हुये उत्तर प्रदेश के जनपद की सीमा रामघाट में प्रवेश करती है। जिसकी कुल लम्बाई लगभग 50 किमी है। मंत्री ने मंदाकिनी नदी की सफाई व इसमें मिलने वाले छोटे नालों की सफाई के निर्देश दिए। कहा कि बांध के कैचमेन्ट एरिया में स्थित नालों जिनके माध्यम से बांध में पानी भरता है उसका सर्वेक्षण कराकर समय-समय पर सिल्ट सफाई कराया जाये। जिससे बांध पूर्ण क्षमता से भर सके। नालों पर पूर्व निर्मित चेकडैम को यथावश्यक ध्वस्त कराया गया। पन्हाई टैंक, जरेरा टैंक, जयवन्ती टैंक एवं बरदहा टैंक को बहुत बडी उपलब्धि बताई। सिंचाई विभाग के कराये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। यमुना नदी के पानी को बांधों, टैंकों में कैसे जोड़े इस पर वार्ता किया। निरीक्षण के दौरान श्याम जी चौबे अधीक्षण अभियन्ता सिंचाई कार्य मण्डल बांदा, शिवेश कुमार सिंह अधिशाषी अभियन्ता सिंचाई निर्माण खण्ड कर्वी, आशीष कुमार भारतीय अधिशाषी अभियन्ता जल निगम ग्रामीण, प्रमोद कुमार मिश्रा अधिशाषी अभियन्ता लघु सिंचाई, सुमित कुमार अधिशाषी अभियन्ता जल निगम ग्रामीण, विजय कुमार अधिशाषी अभियन्ता लघुडाल नहर खण्ड बांदा आदि मौजूद रहे।

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