डॉन ब्रदर्स के हत्यारे लवलेश तिवारी और सनी सिंह एक दूसरे को पहले से जानते थे
प्रयागराज में बहुचर्चित डॉन ब्रदर्स अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को फिल्मी स्टाइल में पुलिस कस्टडी में मौत
बांदा,
प्रयागराज में बहुचर्चित डॉन ब्रदर्स अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को फिल्मी स्टाइल में पुलिस कस्टडी में मौत की नींद सुलाने वाले तीनों हत्यारों को एक दूसरे से अपरिचित बताया जा रहा था। लेकिन लवलेश के कुछ दोस्तों का दावा है कि लवलेश और सनी सिंह पहले से एक दूसरे को जानते थे। दोनों अपराध करने के बाद एक दूसरे के घरों में ठहरते थे।
यह भी पढ़े-समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव में पूर्व चेयरमैन व उनकी पत्नियों पर लगाया दांव
लवलेश तिवारी का भले ही बड़ा आपराधिक इतिहास न रहा हो। इसके बाद भी उसका कनेक्शन कई अपराधियों से सामने आता जा रहा है। प्रयागराज में डॉन ब्रदर्स की हत्या के बाद जब इसका नाम सामने आया तो पड़ोसी भी हैरान रह गए। उन्होंने कभी सोचा नहीं था की लवलेश इतना बड़ा अपराधी होगा। वही जब सारी जानकारी इसके दोस्तों के पास पहुंची तो दोस्तों ने दबी जुबान से इसके कारनामों को उजागर करना शुरू कर दिया।
इनके दोस्तों का कहना है कि लवलेश तिवारी और हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ सनी सिंह एक दूसरे को पहले से जानते थे। 8 फरवरी 2020 को उसने शहर के क्योंटरा चौराहे के पास बीजेपी नेता की नाबालिग बेटी को थप्पड़ मार कर छेड़छाड़ की थी। इस मामले में लवलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया था और इसके खिलाफ पास्को एक्ट भी लगा था। पुलिस से बचने के लिए वह हमीरपुर भाग गया था और तब वह सनी सिंह के घर में डेढ़ महीने तक रहा। इसके बाद इनकी दोस्ती और मजबूत होती चली गई।
यह भी पढ़े -बांदाःबीजेपी का टिकट हथियाने के लिए रानी, मालती और वंदना के बीच कांटे की लड़ाई
हमीरपुर से जब वह लौटा तो पुलिस ने 20 अगस्त 2020 को गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था। इसके बाद 15 अक्टूबर को वह जमानत पर रिहा हो गया था। लवलेश के दोस्तों का कहना है कि प्रयागराज की घटना में शामिल लवलेश के साथ सनी सिंह की तस्वीर देखकर हम लोग हैरान रह गए क्योंकि लवलेश के साथ बांदा में कई बार सनी सिंह को भी देखा गया है। सनी सिंह कई बार लवलेश के घर में रुका भी था।
इनके दोस्तों की माने तो लवलेश के संबंध नैनी जेल में बंद कुछ अपराधियों से भी थे। उसने किंग ऑफ 90 नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा था। उसमें कई अपराधी भी जुड़े थे। जो इसके जेल के साथी बतायें जाते हैं। इसी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लवलेश अपने अपराधी साथियों से संपर्क बनाए हुए था। प्रयागराज हत्याकांड के बाद ज्यादातर दोस्तों ने इस ग्रुप को छोड़ दिया है। पहले इसमें करीब 1000 लोग शामिल थे। अब इनकी संख्या संख्या घटकर केवल 68 बची है। लवलेश के दोस्तों के मुताबिक भले ही वह बड़ा अपराधी न रहा हो लेकिन उसने अपनी पैठ बड़ी संख्या में अपराधियों से बना रखी थी और खुद को डॉन कहलाने में खुश हो जाता था।