रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के लिए लांच किया 'सेहत' ओपीडी पोर्टल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सैन्य कर्मचारियों को ऑनलाइन चिकित्सा सलाह लेने के लिए 'सर्विसेज ई-हेल्थ असिस्टेंस एंड टेलीकंसल्टेशन..
अब तीनों सेनाओं के अधिक से अधिक रोगियों को घर बैठे मिलेंगी टेली-मेडिसिन सेवाएं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सैन्य कर्मचारियों को ऑनलाइन चिकित्सा सलाह लेने के लिए 'सर्विसेज ई-हेल्थ असिस्टेंस एंड टेलीकंसल्टेशन' यानी 'सेहत' ओपीडी लांच की। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर निश्चित ही हम सबके लिए अप्रत्याशित और अभूतपूर्व रहा है। ऐसे कठिन समय में जीवन के अनेक क्षेत्रों में नए-नए तरीके भी खोजे गए हैंI अब अधिक से अधिक रोगी घर बैठे सलाह ले सकेंगे। यह पोर्टल बनाकर संकट के समय सेवारत कर्मियों के स्वास्थ्य हित में महत्त्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड की यह लहर न सिर्फ अप्रत्याशित थी, बल्कि पहले से भी ज्यादा खतरनाक थी। इसी अनुपात में कोविड के इस दूसरे दौर में रक्षा मंत्रालय ने अपनी सेवाएं बढ़ाईं हैं और इस दिशा में आपके सबके संयुक्त प्रयास भी प्रशंसनीय हैं। डीआरडीओ ने दिल्ली, लखनऊ, गांधीनगर, वाराणसी समेत देश में कई जगहों पर कोविड हॉस्पिटल्स और ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण किया है। बड़े कम समय में तेजी से स्थापित किए गए ये अस्पताल बखूबी विशेष चिकित्सा सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। इसी तरह डीआरडीओ ने डॉ. रेड्डीज लैब की सहायता से एक औषधि '2-डीजी' विकसित करके बेहतर परिणाम दिए हैं। सशस्त्र बलों ने भी कोविड अस्पतालों में प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ की तैनाती की है।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दवाओं की होम डिलीवरी करने के बारे में भी विचार करने की दी सलाह
उन्होंने कहा कि संकट के समय जरूरत पड़ने पर हमारी सेनाओं ने भी तकनीकी और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट के क्षेत्रों में भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश-विदेश से समय पर ऑक्सीजन और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरण लाने में वायुसेना और नौसेना का बहुत बड़ा योगदान रहा है। केंद्र सरकार के स्तर पर भी कोरोना की स्थिति पर लगातार नजर रखते हुए उच्चस्तरीय समितियों, मंत्रीसमूहों आदि के माध्यम से दवाइयों, ऑक्सीजन और अन्य उपकरणों की व्यवस्था को बेहतर करने का हमेशा प्रयास किया गया है, ताकि जन-जन की अधिक से अधिक चिकित्सा जरूरतें पूरी हो सकें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस पोर्टल से स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को भी जोड़ा जाए जिससे इसकी व्यापकता बढ़ने के साथ ही सेनाओं के कर्मचारियों को अधिक लाभ होगा।
रक्षामंत्री ने कहा कि क्या हम इसी तरह दवाइयों की होम डिलीवरी के बारे में भी सोच सकते हैं क्योंकि उम्र अधिक होने के कारण या फिर डिस्पेंसरी दूर होने के कारण वरिष्ठ और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समस्या होती होगी। ऐसे में पेशेंट के खर्चे पर ही सही, इस सुविधा के बारे में विचार किया जाना चाहिए। साथ ही लाभार्थियों से फीडबैक लेकर उनसे सुझाव मांगें कि हम इसमें और क्या बेहतर कर सकते हैं। इस तरह आने वाले समय में इन सुझावों के आधार पर हम इस पोर्टल को और भी बेहतर बना सकेंगे। उन्होंने इस प्रयास में रक्षा मंत्रालय की ओर से हरसंभव सहयोग दिलाने का भरोसा दिलाया। रक्षामंत्री ने पोर्टल के विकास में लेफ़्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर की पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।
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