चित्रकूट मंडल में पखवाड़े के दौरान पुरुष नसबंदी में चित्रकूट रहा अव्वल
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियेाजन की अहम भूमिका है। इस दिशा में पुरुषों की भागीदारी बढाने के उद्देश्य से 21..
इस दौरान मंडल में 13 पुरुष व 577 महिला नसबंदी हुईं
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियेाजन की अहम भूमिका है। इस दिशा में पुरुषों की भागीदारी बढाने के उद्देश्य से 21 नवंबर से चार दिसंबर तक पुरूष नसबंदी पखवाड़ा चलाया गया। मंडल में 577 महिलाओं व 13 पुरूषों ने परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को अपनाकर एक मिसाल पेश की। पुरूष नसबंदी के मामले में मंडल में चित्रकूट सबसे आगे रहा। यहां छह पुरूषों ने नसंबदी कराकर इस मुहिम को आगे बढ़ाया, जबकि महिलाओं में सबसे ज्यादा जागरूकता बांदा जनपद में दिखी। यहां 203 महिलाओं ने नसंबदी कराकर सरकार की मुहिम में अपनी भागीदारी निभाई।
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समुदाय स्तर पर परिवार नियोजन साधनों की ग्राह्यता को बढ़ाने के लिए ही पुरूष नसंबदी पखवाड़ा चलाया गया।
मंडलीय परिवार नियोजन एवं लाजिस्टिक मैनेजर अमृता राज ने बताया कि पुरूष जागरूकता के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया। मंडल के चित्रकूट जनपद में सबसे ज्यादा छह पुरूषों ने नसंबदी कराई। यहां 142 महिलाओं ने नसबंदी कराकर परिवार नियोजन को अपनाया। इसके अलावा 86 आईयूसीडी, 74 पीपीआईयूसीडी, 52 अंतरा व 132 ने छाया गोली के जरिए परिवार नियोजन को अपनाया।
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उन्होंने बताया कि बांदा जनपद में सबसे ज्यादा 203 महिलाओं ने नसबंदी कराई जबकि दो पुरूष नसबंदी में आगे आए। 99 पीपीआईयूसी व 33 अंतरा इंजेक्शन लगाए गए। इसी तरह हमीरपुर जिले में 73 महिला व तीन पुरूषों ने नसबंदी कराई। 66 पीपीआईयूसी व 36 अंतरा भी अपनाए गए। महोबा जनपद में 159 महिला व दो पुरूषों ने नसबंदी के जरिए परिवार नियोजन को अपनाया है। 62 पीपीआईयूसी व 51 अंतरा इंजेक्शन लगाए गए हैं।
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यह मिलती है प्रोत्साहन राशि
मिशन परिवार विकास के तहत नसबंदी कराने वाली महिलाओं को दो हजार व पुरुषों को तीन हजार रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। साथ ही महिलाओं के प्रेरक को 300 व पुरुषों के प्रेरक को 400 रुपये दिए जाते हैं। वहीं प्रसव के दौरान कॉपर-टी का प्रयोग करने वाली महिलाओं को डेढ़ माह व तीन माह के फालोअप पर 150-150 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।