डीएम ने की चकबंदी कार्यों की समीक्षा
डीएम शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के चकबन्दी प्रक्रियाधीन ग्रामों की समीक्षा की गई...

निर्देशित किया कि समय पर पूरे हों लक्षित गांवो के चकबंदी कार्य
चित्रकूट। डीएम शिवशरणप्पा जीएन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के चकबन्दी प्रक्रियाधीन ग्रामों की समीक्षा की गई। जिसमें चकबन्दी निदेशालय से निर्गत 1 से 9 प्रारूपों पर प्रगति की समीक्षा की गई।
समीक्षा बैठक में बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी ने अवगत कराया कि जनपद में जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा 7 भूचित्र पुनिरीक्षण के अंतर्गत आठ ग्रामों में कार्य किया जा रहा है। ग्राम औदहा व दरसेड़ा में जनविरोध के कारण अभी तक कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसी प्रकार जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा आठ पड़ताल के स्तर पर कुल 13 ग्राम है। जिसमें नौ ग्रामों में पड़ताल का कार्य चल रहा है। शेष ग्रामों के चकबन्दीकर्ता अन्य ग्राम में लगे होने के कारण पड़ताल कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा नौ के अन्तर्गत ग्राम गढ़वारा में सहायक चकबन्दी अधिकारी द्वारा विनिमय अनुपात का निर्धारण किया जा रहा है, परन्तु ग्राम में जनविरोध के कारण कार्य बाधित है। जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा 20 के अन्तर्गत नौ ग्रामों में से तीन ग्रामों में कार्य प्रारम्भ है। जोत चकबन्दी अधिनियम की धारा 52 में लक्षित ग्राम ऐचवारा, मिर्जापुर, डुडौली तथा देहरुच में वर्तमान समय जमाबंदी तैयार की जा रही है।
डीएम ने संबंधित चकबन्दी अधिकारी व सहायक चकबन्दी अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभिन्न धाराओं में लक्षित ग्रामों का कार्य ससमय पूर्ण कराया जाये। चकबन्दी न्यायालयों में विचाराधीन मुकदमों की समीक्षा में पाया गया कि जनपद में पांच वर्ष से अधिक अवधि के मुकदमें विचाराधीन नहीं है। कहा कि चकबंदी कार्यों की समीक्षा बैठक में ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को भी बुलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी जनसुनवाई के प्रार्थना पत्र आते हैं उसका गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए। जहां पर मुकदमे है उसका त्वरित निस्तारण भी कराया जाए। बैठक में एडीएम न्यायिक अरुण कुमार, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी मनोहर लाल वर्द्धन, चकबंदी अधिकारी संजय शुक्ला, शरदचंद्र यादव, धीरेन्द्र शुक्ला, सहायक चकबन्दी अधिकारी, चकबंदीकर्ता व चकबंदी लेखपाल मौजूद रहे।
What's Your Reaction?






