चित्रकूट : बच्चों ने सीखीं बाल शिविर में बहुआयामी कलाएं
दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा समाजशिल्पी दंपत्ति एवं सहयोगी कार्यकर्ताओं के सहयोग से गांव-गांव लगाए जा रहे...
चित्रकूट। दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा समाजशिल्पी दंपत्ति एवं सहयोगी कार्यकर्ताओं के सहयोग से गांव-गांव लगाए जा रहे बाल शिविर के अन्तर्गत जनपद के स्वावलंबन केन्द्र सभापुर में तीन दिवसीय शिविर का समापन रविवार को संगठन सचिव अभय महाजन, चंद्रभान नामदेव की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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तीन दिवसीय शिविर में नौ स्वावलंबन केन्द्रों एवं तीन संपर्कित केन्द्रों के बच्चों ने सहभागिता की। जिसमें 39 बालक, 34 बालिकाएं सम्मिलित रहे। कुल बच्चों की संख्या 73 रही। बच्चों को शारीरिक, बौद्धिक विकास की दृष्टि से नई पीढ़ी को गढ़ने का यह अभिनव प्रयोग बाल शिविर के माध्यम से बच्चों ने विभिन्न विविध आयामों को हंसते, खेलते सरलता से सीखा समझा। शिविराधिकारी रामसंजीवन पटेल ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में 10 से 14 वर्ष के बालक, बालिकाएं सहभागी रहे है। इस शिविर में शिक्षा, स्वास्थ्य, कला एवं विज्ञान के विषयों को भी शामिल किया गया है। जिस पर विशेषज्ञों को बुलाकर इन विषयों पर जानकारी दी गई।
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माह नवंबर-दिसंबर में दीनदयाल शोध संस्थान के सभी 150 स्वावलम्बन और संपर्कित केंद्रों में बाल शिविर आयोजित होंगे। समापन अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि बालकों के अन्दर छिपी प्रतिभा का आंकलन कर समुचित विकास करना ही शिविर का उद्देश्य है। बाल शिविर में जो बच्चे सीख रहे हैं उनसे उन्हें एक जीवन दिशा मिल रही है। बच्चे अपना जीवन न भटकायें और यहां जो शारीरिक, बौद्धिक के माध्यम से जो बातें सीख रहे हैं। उसे स्वयं करते रहना तथा अपने-अपने स्कूलों में बच्चों को सिखाना है।
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शिविर का संचालन प्रमोद सिंह शिक्षक एवं धन्यवाद ज्ञापन जीतेंद्र सिंह सह क्षेत्र प्रभारी समाजशिल्पी दंपति ने किया। इस अवसर पर डीआरआई के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह, विनीत श्रीवास्तव, कौशल त्रिवेदी, समाजशिल्पी दंपत्ति मनोज, पद्मा, जीतेंद्र सिंह, बबिता सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।