चित्रकूट : सूरजकुंड में 1958 से अखंड रामनाम संकीर्तन जारी
रामलला विराजमान को लेकर प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि में 22 जनवरी तक 22 प्रमुख स्थानों पर दीपोत्सव की श्रृंखला...
सूरजकुंड में हुआ दीपोत्सव और पूजन
22 जनवरी तक 22 प्रमुख स्थानों पर रोज हो रहा कार्यक्रम
चित्रकूट। रामलला विराजमान को लेकर प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि में 22 जनवरी तक 22 प्रमुख स्थानों पर दीपोत्सव की श्रृंखला के तहत सूरजकुण्ड में दीपदान, पूजन और संकीर्तन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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मत्तगजेंद्रनाथ मंदिर ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप दास और बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह के संयुक्त नेतृत्व में कार्यक्रम चल रहा है। सूरजकुंड में 1958 से अखंड रामनाम संकीर्तन जारी है। यहीं पर मंदाकिनी नदी में भगवान सूर्य का रथ उतरा था। जिससे अथाह कुंड बन गया और स्थान का नाम पडा सूरजकुंड। जहां पहुंच कर दीपोत्सव का कार्यक्रम हुआ। प्रभु श्री राम लक्ष्मण और माता जानकी की आरती की गई। सूरजकुंड आश्रम के महंत रामबदन दास महराज ने बताया कि सनातन धर्म की चहुँओर जय जयकार है। 22 जनवरी का दिन सभी उत्साह और उमंग के साथ मनाएं। बुंदेली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि अब हमेशा देश में दो बार दीपावली मनाई जायेगी। पहली दशहरा के बाद और दूसरी 22 जनवरी है। मत्तगजेंद्रनाथ मंदिर के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीपदास महराज ने बताया कि लोक और परलोक सुधारना है तो प्रभु श्री राम की शरण में जाना ही साध्य है।
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इस मौके पर धर्मदास, रामदास, शिव कुमार दास, रामसेवक दास, प्रदीप द्विवेदी, अंकित पहारिया, रामजी शुक्ला, पुष्पराज विश्वकर्मा, जगरूप पाठक समेंत अन्य भक्तजन मौजूद रहे।
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