श्री राम मंदिर निर्माण पूजन के ऐतिहासिक क्षण का बांदा भी बनेगा साक्षी
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। जिसका शिलान्यास देश के प्रधानमंत्री 5 अगस्त को करेंगे। इस ऐतिहासिक पल का बुन्देलखण्ड का बांदा भी साक्षी बनेगा और यह गौरव दिलाएंगे काशी विद्वत परिषद के मंत्री और बांदा के ग्राम अछरोड निवासी प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी, जो शिलान्यास के दौरान पूजन कराएंगे...
- बांदा के प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी कराएंगे पूजन
प्रो. रामनारायण द्विवेदी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में व्याकरण के आचार्य है और देश की अत्यन्त प्राचीन धार्मिक और आध्यात्मिक संस्था जो शंकराचार्य का अभिषेक, पदारोहण या पद से निग्रह जैसे कार्यो का सम्पादन करती हैं। श्री काशी विद्वत परिषद् के मंत्री प्रो. द्विवेदी को 5 अगस्त को रामजन्म भूमि पूजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इतना ही नहीं उनकी देख रेख में भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी भूमि पूजन करेंगे।
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आप बाँदा जनपद के अछरौड के निवासी है। इनके पिता श्री शिवनाथ प्रसाद द्विवेदी किसान है। जब यह समाचार जनपद और ग्रामवासियो को मालूम हुआ तो लोगो को प्रसन्नता हैं कि बाँदा के विद्वान को उस ऐतिहसिक क्षण में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है जो संस्कृत के मूर्धन्य विद्वानो में है।सभी जनपद वासी और ग्रामवासी इस बात से अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं की भगवान श्री राम के मंदिर का शिलान्यास और पूजन के दौरान बांदा के विद्वान को सुअवसर प्राप्त हुआ है। यह ऐतिहासिक क्षण बुन्देलखण्ड को भी गौरवान्वित करेगा।
कई बार हुए सम्मानित
प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी को दस से अधिक सम्मान प्राप्त हुये है। जिसमें कर्नाटक के राज्यपाल से तथा उत्तर प्रदेश सरकार से महर्षि पाणिनी सम्मान और भारत सरकार से महर्षि व्यास सम्मान तथा दिल्ली से शीला दीक्षित के द्वारा संस्कृत भूषण सम्मान प्राप्त हो चुके है। अभी उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ से विशिष्ट पुरस्कार, बिहार सरकार तथा हरियाणा से व्याकरण भूषण सम्मान व अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों से संस्कृत जगत के विशिष्ट अलंकरण प्राप्त हुए है। इस समय काशीविद्वतत्परिषद् के मंत्री एंव अनेक विश्वविद्यालयो में विभिन्न समितियों के सदस्य है। वर्तमान में काशीहिन्दू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं तथा प्रशासनिक सेवा के रुप में विश्वविद्यालय के प्राकटर का भी दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। इसके पहले दिल्ली में केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। इन्होने आरम्भ में दरभंगा के विश्वविद्यालय से संस्कृत आध्यपन की साधना आरम्भ की। जबकि गाँव में कक्षा 7 तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद गाँव के प्रतिष्ठित ज्योतिष के विद्वान शुकदेव मिश्र जो बाद में शुकदेवानन्द सरस्वती के रुप में काशी रहने लगे थे उन्ही के साथ उन्होने काशी में कक्षा 8 से विद्याभ्यास किया।
सनातन धर्म की आस्था का केंद्र होगा मंदिर
काशी विद्युत परिषद के सचिव वेदों के जानकार प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी कहते हैं कि ब्रह्मांड के नायक भगवान श्री राम के मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन का अवसर हर किसी के लिए गौरव का क्षण है,काशी विद् विद्युत परिषद अयोध्या में संपूर्ण काशी का प्रतिनिधित्व करेगी। महागणपति के आवाहन के साथ पूजन आरंभ होगा। यह विश्व का भव्य मंदिर होगा जो सनातन धर्म की आस्था का केंद्र बनेगा।
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