राम नगरी अयोध्या से चित्रकूट के लिए निकली भरत यात्रा
राम नगरी अयोध्या से चित्रकूट के लिए भरत यात्रा निकली जिसमें 300 से अधिक साधु-संत शामिल है। तपोस्थली भरतकुंड...
राम नगरी अयोध्या से चित्रकूट के लिए भरत यात्रा निकली जिसमें 300 से अधिक साधु-संत शामिल है। तपोस्थली भरतकुंड सृंगी ऋषि आश्रम प्रयागराज सहित अन्य स्थानों पर भ्रमण करते हुए यात्रा चित्रकूट पहुंचेगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम छावनी से भरत यात्रा निकली । राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास यात्रा की अगुवाई कर रहे है। देश में राम राज्य स्थापना के लिए पिछले 50 वर्ष से भरत यात्रा निकाली जा रही है।
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14 वर्षों तक भगवान श्रीराम ने जहां वनवासी जीवन व्यतीत कर धर्म की स्थापना की, वहीं भरतजी ने चित्रकूट जाकर उनकी चरण पादुका को सिंहासन पर विराजमान कर तपस्वी का भेष धारण किया. उन्होंने अयोध्या की राजसत्ता का 14 वर्षों तक ऐसे ही संचालन किया। ऐसे चरित्र और प्रेम की स्थापना को लेकर ही भरत यात्रा का आयोजन बीते 50 वर्षों से किया जा रहा है।
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साकेतवासी पूज्यपाद प्रभुदत्त ब्रम्हचारी जी महाराज की प्रेरणा से यह यात्रा विगत 50 वर्षों से मणिराम दास छावनी से चित्रकूट तक निकलती आ रही है। यात्रा का उद्देश्य सामाजिक और जीवन मूल्यों की रक्षा समाज और परिवार को एकसूत्र मे बांधना है।संतो ने कहा कि श्रीराम और श्रीभरत जी का जीवन चरित्र समाज के लिए अनुकरणीय है। प्रेम सद्भाव, कर्तव्य परायणता और त्याग का दर्शन सब कुछ इन महापुरुषों से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय श्रीभरत यात्रा नंदीग्राम, सीता कुंड ( सुल्तानपुर ), श्रृंग्वेरपुर, भारद्वाज मुनि आश्रम झूसी (प्रयागराज) होते हुए चित्रकूट पहुंचेगी। कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर गुप्त गोदावरी के दर्शन किए जाएंगे। साथ ही पौराणिक स्थलों के दर्शन किए जाएंगे।
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