इस वजह से एक नवंबर को, बुंदेले काला दिवस मनायेंगे

बुंदेलखंड को दो टुकड़ों में बांटकर वर्ष 1956 में भारत के नक्शे से मिटाने वाली तारीख एक नवंबर को बुंदेली समाज काला दिवस के रूप में मनाएगा। इस ...

इस वजह से एक नवंबर को, बुंदेले काला दिवस मनायेंगे

महोबा।

बुंदेलखंड को दो टुकड़ों में बांटकर वर्ष 1956 में भारत के नक्शे से मिटाने वाली तारीख एक नवंबर को बुंदेली समाज काला दिवस के रूप में मनाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिकॉर्ड 34वीं बार खून से खत लिखकर नेहरू सरकार की इस ऐतिहासिक भूल को सुधारकर पुनः बुंदेलखंड राज्य बहाली की मांग की जाएगी। महोबा के अलावा झांसी, बांदा, चित्रकूट व हमीरपुर आदि जिलों में भी बुंदेले काला दिवस मनाएंगे।

यह भी पढ़े: बुंदेलखंड की अनोखी परम्परा, यहां कुंवारी कन्याएं पूजती हैं राक्षस के पैर

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि एक नवंबर बुंदेलखंड के इतिहास का काला दिन है। जिसे बुंदेले कभी नहीं भूल सकते। बुंदेलखंड के आधे हिस्से को मध्यप्रदेश और आधे हिस्से को उत्तर प्रदेश में बांट दिया गया। इतना ही नहीं प्रभु श्रीराम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट के दो टुकड़े कर दिए गए। दो राज्यों के बीच फंसे चित्रकूट का विकास अवरुद्ध हो गया।

यह भी पढ़े:बांदा: बीएसएफ जवान की उत्तराखंड में नीलम घाटी से पैर फिसला, खाई में गिरने से मौत 

आजादी के बाद देश की 564 रियासतों को मिलाकर अखंड भारत में जो 14 राज्य बनाए गए, उनमें बुंदेलखंड राज्य भी एक था, लेकिन नेहरू सरकार ने पहले वर्ष 1948 में बुंदेलखंड और बघेलखंड को मिलाकर विन्ध्यप्रदेश बनाया। फिर वर्ष 1956 में मध्यप्रदेश का निर्माण कर बुंदेलखंड के दो टुकड़े कर दिए। तभी से बुंदेलखंड दो राज्यों के बीच में पिस रहा है और विकास की मुख्यधारा से कट गया।

यह भी पढ़े:महोबाः छात्र को रौंदने के बाद पांच किलोमीटर दौड़ी रोडवेज, भीड़ ने दरोगा को पीटा 


उन्होंने बताया कि एक नवंबर को आल्हा चौक स्थित अंबेडकर पार्क में काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करेंगे और प्रधानमंत्री को अपने खून से खत लिखकर बुंदेलखंड के खोये गौरव को वापस दिलाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करेंगे।

What's Your Reaction?

like
0
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0