बांदाः आजादी के बाद भी इन गांवो में पैदल चलने वालों को सड़क तक नसीब नहीं

सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा सड़कों का जाल बिछाने का दावा बुंदेलखंड के जनपद बांदा में स्थित नरैनी ब्लॉक के...

बांदाः आजादी के बाद भी इन गांवो में पैदल चलने वालों को सड़क तक नसीब नहीं

सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा सड़कों का जाल बिछाने का दावा बुंदेलखंड के जनपद बांदा में स्थित नरैनी ब्लॉक के इन 2 गांवो में हवा हवाई साबित होता है। यहां के सुखारी पुरवा और बीरमपुर संग्रामपुर में आजादी के बाद भी गांव तक संपर्क मार्ग तक नहीं बने हैं। यहां के ग्रामीणों को सड़क सपना जैसी लगती है। ग्रामीणों ने इस बारे में दर्जनों बार जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई लेकिन अभी तक किसी जनप्रतिनिधि ने ग्रामीणों का दर्द नहीं समझा। यही वजह है कि यहां के ग्रामीण सड़कों के बजाय पगडंडियों पर चलने को मजबूर है।

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जिले के नरैनी तहसील में ग्राम पंचायत संग्रामपुर का मजरा बीरमपुर है। जहां की आबादी लगभग एक हजार है। इस गांव में लगभग 80 घर बने हुए हैं। देश को आजादी मिली तो गांव में विकास होने लगा। लेकिन यह गांव अभागा रहा, जहां आज तक विकास की किरण तक नहीं पहुंची। गांव के राघव पटेल बताते हैं कि गांव में अभी तक संपर्क मार्ग तक नहीं बना है। संग्रामपुर से बीरमपुर आने के लिए भी कच्चे मार्ग या पगडंडियों से आना पड़ता है। उन्होंने  बताया कि यहां बिजली तो पहुंच गई है लेकिन खंभे जर्जर और उनमें लगे बिजली के तार जमीन तक लटके हुए हैं। जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। राघव पटेल के मुताबिक गांव में सभी मार्ग कच्चे हैं जिससे बरसात में लोगों को कीचड़ से होकर अपने घरों में आना जाना पड़ता है। आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने यहां एक सीसी रोड बनाने की भी कोशिश नहीं की है। इनका कहना है कि जब भी लोकसभा या विधानसभा के चुनाव होते हैं तब नेता वोट मांगने आ जाते हैं। ग्राम पंचायत चुनाव में भी प्रधान पद के उम्मीदवार वोट मांगते समय सड़क बनाने का वादा करके चले गए लेकिन अब तक यहां सड़क नसीब नहीं हुई।

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कमोबेश यही हालात नरैनी ब्लाक के ही सुखारी पुरवा गांव का है। इस गांव की आबादी लगभग 700 है। यहां भी बिजली तो पहुंच गई लेकिन सड़क नहीं पहुंची।  सत्ता पक्ष के लोग भी कई बार सड़क बनाने का वादा कर गए लेकिन यहां के लोग अभी तक सड़क से वंचित हैं। इस बारे में सामाजिक कार्यकर्ता राजा भइया का कहना है कि इस गांव का रास्ता वन विभाग की जमीन से होकर जाता है यही वजह है कि यहां जब भी सड़क बनाने का प्रयास किया गया तो वन विभाग ने अड़ंगा लगा दिया। जिससे इस गांव तक सड़क नहीं पहुंच सकी।

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वही ब्लॉक प्रमुख मनफूल पटेल ने बीरमपुर गांव में सड़क न बनने के लिए ग्रामीणों पर ही ठीकरा फोड़ दिया। उनका कहना है कि गांव के लोग ही सड़क नहीं बनने देते हैं। कहा कि सरकार की मंशा है गांव गांव में विकास करने की, लेकिन कुछ अराजक तत्वों की वजह से यहां विकास कार्य बाधित है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया की अब संग्रामपुर से बीरमपुर गांव तक संपर्क मार्ग के लिए टेंडर हो गया है। यह काम जल्दी ही पीडब्ल्यूडी द्बारा कराया जाएगा। गांव में सीसी रोड कब बनेगी इस बारे में उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। कुल मिलाकर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते इन गांवों में आजादी के बाद भी सडक नहीं बनी। इस ओर कभी सांसद और विधायक ने भी ध्यान नहीं दिया। जिससे ग्रामीणों में जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश नजर आता है।
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