बाँदा : मुठभेड़ के बाद पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर से के चंगुल से अपहृत किशोर को मुक्त कराया
दो दिन पहले अपहृत तमंचे की नोक पर अपहृत किए गए किशोर को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद सकुशल मुक्त कराने..
दो दिन पहले अपहृत तमंचे की नोक पर अपहृत किए गए किशोर को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद सकुशल मुक्त कराने का दावा किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कमासिन क्षेत्र के ग्राम रानीपुर से अपहृत राघवेंद्र कुशवाहा (15) पुत्र राजकुमार कुशवाहा के बारे में मुखबिर की सूचना मिलने पर एसओजी टीम व कमासिन पुलिस ने ग्राम बंथरी के उग्रसेन त्रिपाठी के बगीचे में घेराबंदी की तभी हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह पुत्र स्वर्गीय इंद्रपाल सिंह व संतू नाईउर्फ सत्य किशोर पुत्र रामखेलावन निवासी ग्राम रानीपुर ने पुलिस पर जान से मारने की नियत से अवैध तमंचे से फायर किया।
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पुलिस ने भी जान जोखिम में डालकर अदम्य साहस का परिचय देते हुए अभियुक्तों को घेरकर पकड़ लिया। इनके कब्जे से एक एक तमंचा 315 बोर व दो दो जिंदा कारतूस, दो खोखा बरामद हुए। मुठभेड़ के बाद इनके कब्जे से अपहृत राघवेंद्र कुशवाहा को सुरक्षित बरामद किया।
अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में थानाध्यक्ष कमासिन रामाश्रय सिंह, थानाध्यक्ष मरका राम आसरे सरोज, एसो विसण्डा नरेंद्र प्रताप सिंह, एसओजी प्रभारी ,चौकी प्रभारी कुरसेजा कृष्ण देव त्रिपाठी, उप निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी सफीर उद्दीन खान थाना कमासिन शामिल रहे।
वहीं दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस के दबाव के चलते आरोपितों ने किशोर को मंगलवार की शाम मुक्त कर दिया था लेकिन पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की थी। अपहरण की घटना पर पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने अपहर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगाईं थीं। सर्विलांस टीम भी सक्रिय थी।
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मंगलवार को सुबह पुलिस ने कमासिन थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव के लोधन थोक नहर पुल के पास से अपहृत राघवेंद्र कुशवाहा को ढूंढ निकाला गया। पूछताछ में किशोर ने पुलिस को बताया कि उसका अपहरण किया गया था।
पुलिस के दबाव के चलते अपहरण करने वाले उसे छोड़कर भाग गए। जबकि आज पुलिस द्वारा मुठभेड़ के बाद किशोर को बरामद करने का दावा किया गया। अपहरणकर्ता रवींद्र सिंह के ऊपर विभिन्न थानों में 24 मुकदमे दर्ज हैं जो शातिर अपराधी बताया जाता है।
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- मामला इस प्रकार है
रानीपुर निवासी बिंदा कुशवाहा ने तीन बीघा जमीन का बैनामा गांव के ही सुघर सिंह से अपनी पत्नी कौशिल्या के नाम दस माह पहले कराया था।जिसका विरोध हिस्ट्रीशीटर बीरेंद्र सिंह ने किया था, दबंगई के बल पर पहले बिंदा से खेत के समतलीकरण के नाम पर सात हजार रुपये वसूल लिये थे।
तब रविवार की दोपहर को बिंदा के तीसरे पुत्र कोमल को ये धमकी दी कि खेत की तरफ आओगे तो गोली मार दूंगा,इसी बात में कुछ बात विवाद हो गया था,इसी विवाद की खुन्नस को लेकर सोमवार की रात को करीब दो बजे एक अन्य सहयोगी के साथ घर के बाहर छानी के नीचे सो रहे राघबेन्द्र पुत्र राजकुमार कुशवाहा को चार पाई से घसीट कर ले जाने लगा, चिल्लाने पर बगल में सो रही माँ कुसुमकली व बहन सरिता जाग गई और पीछा करने लगी तभी बीरेंद्र ने तमंचे से फायर कर दिया, डर कर दोनों माँ बेटी वापस लौट आई थी।
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