विश्व मृदा दिवस पर ‘स्वस्थ मिट्टी–स्वस्थ शहर’ थीम पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम

बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग द्वारा विश्व मृदा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया...

Dec 6, 2025 - 15:03
Dec 6, 2025 - 15:10
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विश्व मृदा दिवस पर ‘स्वस्थ मिट्टी–स्वस्थ शहर’ थीम पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम

बांदा। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग द्वारा विश्व मृदा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2014 से प्रति वर्ष 5 दिसंबर को मनाए जाने वाले विश्व मृदा दिवस का उद्देश्य किसानों, छात्रों और आम नागरिकों में मृदा संरक्षण एवं मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस वर्ष कार्यक्रम की थीम ‘स्वस्थ मिट्टी, स्वस्थ शहर’ निर्धारित की गई थी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एस. के. सिंह ने कहा कि उद्योगों से निकलने वाला रासायनिक अपशिष्ट तथा प्लास्टिक पैकिंग सामग्री मिट्टी के स्वास्थ्य को सर्वाधिक नुकसान पहुँचा रही है। रासायनिक उर्वरकों के अति प्रयोग को भी उन्होंने मृदा स्वास्थ्य गिरावट का बड़ा कारण बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मिट्टी की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती रही तो भविष्य में स्वस्थ खाद्य सामग्री का वैश्विक संकट गहरा सकता है।

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. जी. एस. पंवार ने मृदा को जीवन का आधार बताते हुए कहा कि इसकी उर्वरता एवं जैव विविधता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने किसानों से संरक्षण तकनीकों को अपनाने की अपील की।
प्रशासन एवं अनुश्रवण निदेशक डॉ. नरेंद्र सिंह ने कहा कि मानव सभ्यता के विकास में मृदा का योगदान अतुलनीय है। वनों से मिट्टी ढकी रहने पर अपरदन कम होता है और उर्वरता संरक्षित रहती है।
मृदा विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. जगन्नाथ पाठक ने कहा कि जैसे माता हमें जन्म देती है, वैसे ही धरती माँ हमारा पोषण करती है। स्वस्थ धरती के बिना स्वस्थ मानव जीवन संभव नहीं।

कार्यक्रम के दौरान छात्रों के बीच प्रश्नोत्तरी एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नेहा कुमारी ने प्रथम, आशिक इकबाल ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जबकि आरुषी चंदेल और अनुराग राजपूत को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार मिला। निर्णायक मंडल में डॉ. पुष्पा, डॉ. अनिकेत काल्हापुरे और डॉ. उमेश चंद्रा शामिल रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. देव कुमार ने किया तथा अंत में डॉ. ए. के. चौबे द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।

इसी अवसर पर कृषि निदेशालय, लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शोध छात्र कृष्णानंद यादव, देवेंद्र सिंह, अर्पित यादव, आशुतोष और संगम तिवारी ने संवाद प्रतियोगिता में सहभागिता की। शोध छात्र कृष्णानंद यादव ने प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त कर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से सम्मान प्रमाण पत्र हासिल किया। प्रतियोगिता में विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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