दमोह के 13 मजदूरों को कर्नाटक में बंधक बनाकर जबरन कराई जा रही है मजदूरी
मजदूरी के नाम पर दूसरे प्रदेशों में ले जाकर मजदूरों को बंधक बनाया जा रहा है, दमोह जिले में इसी तरह का एक और मामला...
दमोह
मजदूरी के नाम पर दूसरे प्रदेशों में ले जाकर मजदूरों को बंधक बनाया जा रहा है, दमोह जिले में इसी तरह का एक और मामला सामने आया है जहां दमोह के 13 मजदूरों को कर्नाटक में बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही है। जिनमें से दो मजदूर किसी तरह भागकर दमोह पहुंचे जिन्होंने यह जानकारी दी है।खबर मिलने के बाद पार्षद विवेक सेन अपने साथियों के साथ दोनों युवकों को लेकर कलेक्टर एसकृष्ण चौतन्य के पास पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी दी।
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कर्नाटक के मिर्ची गांव से भागकर दमोह पहुंचे मजदूर सचिन चौहान ने बताया कि वह जमुनिया गांव का रहने वाला है और दमोह का गोलू ठाकुर नाम का युवक जमुनिया हजारी गांव के करीब 15 लोगों मजदूरी करने के लिए जबलपुर के ठेकेदार के माध्यम से गन्नाा काटने के लिए नागपुर लेकर गया था। कुछ दिन वहां पर मजदूरी कराने के बाद जबलपुर के ठेकेदार ने इन सभी लोगों को कर्नाटक भेज दिया, जहां कर्नाटक प्रदेश के मिर्ची गांव में इन लोगों से मजदूरी कराई जा रही है और सभी को बंधक बना दिया गया है।
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यहां से चार सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी की बात कर ले गए थे, अब वहां पर उन्हें 100 रुपये दिये जा रहे हैं। किसी भी मजदूर को परिसर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। यदि कोई जाने का प्रयास करता है, तो उसके साथ मारपीट की जाती है। मजदूर सचिन ने बताया कि वह और उसका एक साथी जगदीश रात में छिपते छुपाते वहां से भाग निकले। करीब 50 किलोमीटर पैदल चलने के बाद अलग-अलग वाहनों में सवार होकर दमोह पहुंचे हैं। उसने बताया कि वहां पर 13 मजदूर बंधक है।
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जिनके साथ मारपीट की जाती है उन्हें कम खाना दिया जा रहा है। पार्षद विवेक सेन ने बताया की खबर मिलने के बाद वह इन दोनों युवकों को लेकर कलेक्टर के पास आए हैं। उन्हें आवेदन दिया है कि बंधक बनाए लोगों को छुड़ाया जाए। कलेक्टर ने कहा है कि मिर्ची गांव कर्नाटक के किस जिले में आता है इसकी जानकारी लेकर उन्हें बताएं वह वहां के कलेक्टर से बात करने के बाद उन लोगों को वहां से छुड़ाकर दमोह वापस लाएंगे। इन मजदूरों के साथ उनके स्वजन भी कलेक्ट्रेट पहुंचे।