दलहन उत्पादन में उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी योगी सरकार

योगी आदित्यनाथ सरकार ने अगले पांच सालों में दलहन के उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा..

Oct 27, 2022 - 04:32
Nov 4, 2022 - 02:14
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दलहन उत्पादन में उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी योगी सरकार
  • अगले पांच वर्ष में उत्पादन को मांग के बराबर करने का लक्ष्य

  • विशेषज्ञ की मदद से उत्पादन के साथ उत्पादकता को बढ़ाने पर रहेगा जोर

लखनऊ, योगी आदित्यनाथ सरकार ने अगले पांच सालों में दलहन के उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। दलहल का उत्पादन प्रदेश की मांग के बराबर हो, इसके लिए विशेषज्ञों की मदद से रबी की मौजूदा फसली सीजन से आने वाले फसली सीजनों में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने पर जोर रहेगा।

  • किसानों को दिए जा रहे 33 करोड़ रुपये के दलहनी फसलों के बीज

इसकी शुरुआत भी रबी के मौजूदा फसली सीजन से हो गई है। इस क्रम में सरकार किसानों में 33 करोड़ रुपये के निःशुल्क बीज बांट रही है। मिनी किट के रूप में यह बीज किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसमें चना (प्रति किट 16 किग्रा) एवं मसूर (प्रति किट आठ किग्रा) के 2.5 लाख मिनीकिट शामिल हैं। 

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इस तरह किसानों को कुल 12 हजार कुंतल मसूर एवं 16 हजार कुंतल चने की उन्नत प्रजातियों के बीज निःशुल्क मिलेंगे। इसके अलावा प्रदेश के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की उपयोगिता के अनुसार 28 हजार कुंतल दलहनी के अन्य फसलों के बीज भी किसानों को निःशुल्क दिए जाएंगे।

  • मांग के सापेक्ष आधे से भी कम है उत्पादन

फिलहाल प्रदेश में दलहन का उत्पादन मांग के सापेक्ष 40-45 फीसद ही है। प्रदेश सरकार अगले पांच सालों में इसे बढ़ाकर मांग के अनुरूप करना चाहती है। इस दिशा में सरकार के प्रयास भी शुरू हो गये हैं।

  • मौसम से प्रभावित किसानों को राहत मिलेगी

सरकार के इस निर्णय से दो लाभ होंगे। अगस्त के सूखे एवं अक्टूबर की अप्रत्याशित बाढ़ से प्रभावित किसानों को बीज के रूप में उन्नत प्रजाति का कृषि निवेश मिलने से राहत मिलेगी। साथ ही सत्कार की मंशा के अनुरूप दलहन का उत्पादन एवं रकबा भी बढ़ेगा। 

यही वजह है कि इस योजना में सरकार ने प्रदेश की उस दो लाख हेक्टेयर भूमि को प्राथमिकता में रखा है, जिसमें सूखे की वजह से किसान खरीफ की बोआई नहीं कर सके थे। साथ ही उन किसानों को भी प्राथमिकता दी जाएगी जो सूखे एवं बाढ़ से अधिक प्रभावित रहे।

  • पहले कार्यकाल से ही योगी का किसान पर रहा फोकस

उल्लेखनीय है कि अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट में ही योगी ने लघु-सीमांत किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था। इसका लाभ 86 लाख किसानों को मिला। तबसे किसानों को लाभ पहुंचाने और उनके घर खुशहाली लाने का सिलसिला लगातार जारी है। 

कुछ दिन पहले प्रदेश के कई हिस्सों में अक्टूबर में अप्रत्याशित बाढ़ आयी थी। इस दौरान बाढ़ पीड़ितों का दर्द बांटने एवं फौरी तौर पर उनको राहत पहुंचाने के लिए चंद रोज में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगभग हर उस जिले में गये, जहां बाढ़ की विभीषिका अधिक थी। 

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अब रबी के सीजन में योगी सरकार किसानों के लिए यह राहत लेकर आयी है। इसमें केंद्र सरकार का भी भरपूर सहयोग रहा है। हाल ही में इसी क्रम में केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 2000-2000 रुपये की 12वीं क़िस्त रिलीज की गई। 

पीएम किसान सम्मान योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 2.6 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 11 किश्तों के जरिए 48 हजार 311 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं।

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हिस

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