जिला जेल में बंदी की मौत मामले में जेलर पर भी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिला कारागार में दलित उत्पीड़न के पुराने मामले में निरुद्ध एक बंदी की पीट-पीटकर हुई हत्या की घटना में...

अभी तक जेलर समेत तीन लोग हो चुके हैं निलम्बित
हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिला कारागार में दलित उत्पीड़न के पुराने मामले में निरुद्ध एक बंदी की पीट-पीटकर हुई हत्या की घटना में अब शासन एक्शन मोड में है। डिप्टी जेलर और वार्डन के निलम्बन की कार्रवाई के बाद अब बुधवार को यहां के जेलर पीके चण्डीला को भी निलम्बित कर दिया गया है। बंदी की हत्या को लेकर चौबीस घंटे बाद जेलर समेत सात अन्य जेल कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज होने के बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया है।
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उल्लेखनीय है कि तीन दिन पहले सदर कोतवाली क्षेत्र के सूरजपुर गांव निवासी अनिल द्विवेदी दलित उत्पीड़न के मामले में जेल गया था। परिजनों का आरोप है कि तीसरे ही दिन उसे जेल के अंदर पीट-पीटकर मार डाला गया था। घटना से परिजन भड़क गए और ग्रामीणों के साथ जेल के बाहर जाम लगाकर जमकर बवाल किया था। पोस्टमार्टम में भी मृतक बंदी के शरीर में तमाम चोटें पाई गईं। मृतक की पत्नी पूजा ने जेलर समेत पूरे स्टाफ पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर शव ले जाने से इंकार कर दिया था। घटना के कई घंटे बाद परिजनों की मांग पर जेलर व तीन लम्बरदार समेत सात के खिलाफ मामला कोतवाली में लिखा गया।
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रिपोर्ट लिखने के बाद महानिदेशक कारागार प्रशासन एवं बाल सुधार सेवाएं उत्तर प्रदेश पीसी मीना ने जेलर पीके चण्डीला को भी सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने अपने आदेश में जिक्र किया है कि बंदी की मौत से जेल में बंदियों ने भोजन ग्रहण नहीं किया। इधर जिलाधिकारी घनश्याम मीना का कहना है कि मृतक बंदी की पत्नी को पांच लाख रुपय़े की आर्थिक मदद, एक आश्रित को संविदा पर नौकरी, विधवा पेंशन व बच्चों की केन्द्रीय स्कूल में पढ़ाई कराने का आश्वासन दिया गया है। शासन को पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाने की सिफारिश की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार
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