हमीरपुर : एसएनसीयू में 700 ग्राम की बच्ची को मिला नया जीवन
केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल में तैनात एक जवान की नवजात बच्ची को जिला महिला अस्पताल के सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) ने नया जीवन दिया है...
 
                                - 28 अगस्त को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराई गई थी नवजात
28 अगस्त को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराई गई नवजात की हालत नाजुक थी। 16 अगस्त को चित्रकूट के जिला महिला अस्पताल में नवजात बच्ची का समय पूर्व जन्म हुआ था। जिसकी वजह से उसे पहले कानपुर और फिर लखनऊ रेफर किया गया था। बाद में परिजन उसे हमीरपुर ले आए। यहां एसएनसीयू वार्ड की टीम ने नवजात को नया जीवन दिया है। कल गुरुवार को नवजात को डिस्चार्ज किया जाएगा।
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- चित्रकूट से कानपुर और फिर लखनऊ किया गया था रेफर
कुरारा कस्बा निवासी अजय केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में कार्यरत हैं। उसकी पत्नी स्वीटी ने 16 अगस्त को चित्रकूट के जिला महिला अस्पताल में नवजात बच्ची को जन्म दिया था। नवजात का जन्म छह माह में हो गया था। जन्म के समय इसका वजन महज सात सौ ग्राम था। स्थिति नाजुक थी, लिहाजा चित्रकूट से नवजात को सीधे कानपुर के लिए रेफर किया गया था। परिजन उसे कानपुर ले गए। जहां दो दिनों तक भर्ती करके उसका उपचार किया गया, बाद में नवजात को कानपुर से लखनऊ रेफर करने की सलाह दी गई थी।
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अजय बताते हैं कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी। लेकिन करीबी रिश्तेदार ने हमीरपुर के एसएनसीयू में अच्छा उपचार होने की बात कहते हुए उसे हमीरपुर में भर्ती कराने की सलाह दी। जिस पर वह बच्ची को लेकर हमीरपुर वापस आ गए। एसएनसीयू वार्ड के डॉ.सुमित सचान ने बताया कि 28 अगस्त की शाम 4 बजे नवजात को वार्ड में भर्ती किया गया था। उस वक्त नवजात का वजन महज सात सौ ग्राम था। स्थिति काफी गंभीर थी। जिसके बाद पूरी टीम नवजात के उपचार और देखरेख में जुट गई।
- दो माह से चल रहे उपचार के बाद नवजात की जान बची, वजन बढ़ा
दो माह तक चले उपचार के बाद अब जाकर बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। बुधवार को नवजात का वजन 1 किग्रा 536 ग्राम था। कल गुरुवार को उसे डिस्चार्ज करने की तैयारी की जा रही है। इस बच्चे का उपचार और देखरेख करने वाली टीम में डॉ.सुमित के अलावा डॉ.केशव, डॉ.दीपक, डॉ.आशुतोष निरंजन सहित पूरी टीम की विशेष भूमिका रही।
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एक माह में कम वजन के आठ नवजात भर्ती हुए
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ.फौजिया अंजुम ने बताया कि एक माह के अंदर एसएनसीयू वार्ड में 8 ऐसे बच्चे भर्ती करके उपचारित किए गए, जिनका वजन 1.5 किग्रा से कम था। इनमें अभी भी तीन बच्चे भर्ती हैं। जबकि चार बच्चों की छुट्टी हो चुकी है। एक बच्चे की हालत ज्यादा नाजुक थी, जिसे टीम बचा नहीं सकी। उन्होंने कहा कि एसएनसीयू वार्ड की टीम ने जिस तरीके से समय पूर्व जन्म लेने वाले कम वजन के बच्चों को ठीक किया है, वो काबिले तारीफ है।
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