नागरी प्रचारक पुस्तकालय के नवीन भवन का भूमि पूजन, बनेगी आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी

सिविल लाइंस स्थित ऐतिहासिक नागरी प्रचारक पुस्तकालय के नवीन भवन के निर्माण हेतु भूमि पूजन समारोह रविवार को विधि-विधान...

Dec 29, 2025 - 11:28
Dec 29, 2025 - 11:29
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नागरी प्रचारक पुस्तकालय के नवीन भवन का भूमि पूजन, बनेगी आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी

करीब पांच करोड़ की लागत से होगा निर्माण, बुंदेलखंड को मिलेगा नया बौद्धिक केंद्र

बांदा। सिविल लाइंस स्थित ऐतिहासिक नागरी प्रचारक पुस्तकालय के नवीन भवन के निर्माण हेतु भूमि पूजन समारोह रविवार को विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित यह भवन बांदा विकास प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा निर्मित किया जाएगा, जिसे एक आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया जाएगा।

समारोह में मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मालती बासु, विशिष्ट अतिथि अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) मदन मोहन वर्मा एवं अपर जिलाधिकारी (राजस्व) धर्मेंद्र कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही। संस्था के उपाध्यक्ष शांतनु चतुर्वेदी एवं सचिव एडवोकेट रोहन सिन्हा ने संयुक्त रूप से भूमि पूजन संपन्न कराया।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे अपर जिलाधिकारी मदन मोहन वर्मा ने अपने उद्बोधन में पुस्तकों एवं पुस्तकालयों के सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तकालय ज्ञान के मंदिर होते हैं, जो समाज के नैतिक एवं बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उपस्थितजनों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ की प्रतियां भेंट कर इसके अध्ययन के लिए प्रेरित किया।

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष द्वारकेश यादव (मंडेला) ने कहा कि डिजिटल युग में पुस्तकों तक सहज पहुंच बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। सार्वजनिक पुस्तकालय न केवल समाज के चरित्र निर्माण में सहायक होते हैं, बल्कि एक उज्ज्वल और सशक्त भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

संस्था के सचिव एडवोकेट रोहन सिन्हा ने आभार ज्ञापन करते हुए पुस्तकालय के 80 वर्षों से अधिक के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुस्तकालय में लगभग 80 हजार बहुउपयोगी ग्रंथ, शोध पत्रिकाएं, संदर्भ पुस्तकें एवं दुर्लभ पांडुलिपियों का विशाल संग्रह सुरक्षित है, जो क्षेत्र की अमूल्य बौद्धिक धरोहर है।

एक ऐतिहासिक संस्था का गौरवपूर्ण सफर
नागरी प्रचारक पुस्तकालय की स्थापना वर्ष 1913 में राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन द्वारा बांदा नगर के जनसहयोग से की गई थी। समय-समय पर सेठ हरि मोहन, स्वर्गीय बाबू राम बिहारी लाल श्रीवास्तव, एडवोकेट द्विजेंद्र निगम, स्व. के.एल. बाहरी सहित अनेक समाजसेवियों, संस्थाओं एवं प्रशासन के सहयोग से पुस्तकालय ने निरंतर विकास किया। पुस्तकालय के पूर्व भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले स्वर्गीय राम बिहारी लाल श्रीवास्तव की प्रतिमा पुस्तकालय सभागार में स्थापित है।

वर्तमान प्रबंध समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक त्रिपाठी एवं सचिव रोहन सिन्हा के नेतृत्व में यह नया प्रकल्प साकार हो रहा है। आगामी वर्षों में यह नया भवन न केवल बांदा बल्कि संपूर्ण बुंदेलखंड क्षेत्र को एक उत्कृष्ट बौद्धिक एवं शोध केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।

इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव मनोज निगम ‘लाला’, वरिष्ठ अधिवक्ता राम मिलन सिंह पटेल, राजीव गुप्ता, आदित्य कुमार सिंह, दिनेश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार सचिन चतुर्वेदी, संजय मिश्रा, अभिमन्यु सिंह, रमेश चंद्र द्विवेदी, दिनेश कुमार श्रीवास्तव, सुनील त्रिपाठी सहित संस्था के कर्मचारी, गणमान्य पाठकगण एवं नगर के अनेक प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। साथ ही कार्यदायी संस्था PWD के अधिकारी एवं कर्मचारी भी समारोह में मौजूद रहे। कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष रमाशंकर द्विवेदी की भी उपस्थिति रही, जिनकी पुस्तकालय के प्रति कई दशकों की सेवा को सभी ने अविस्मरणीय बताया।

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