प्रशिक्षण में 66 ग्राम पंचायतों के 103 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने समाज को स्वस्थ बनाने की ली शपथ
दीनदयाल शोध संस्थान एवं मध्य प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय स्वास्थ्य...

डीआरआई में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का हुआ समापन
चित्रकूट। दीनदयाल शोध संस्थान एवं मध्य प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण का समापन रविवार को लोहिया सभागार उद्यमिता विद्यापीठ दीनदयाल परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रो शिशिर पाण्डेय कुलपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, अभय महाजन राष्ट्रीय संगठन सचिव दीनदयाल शोध संस्थान, वसंत पंडित कोषाध्यक्ष दीनदयाल शोध संस्थान, राजेन्द्र सिंह समाजशिल्पी दम्पति प्रभारी, राजेंद्र पटेल वैद्य आरोग्यधाम उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि मानव ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है। स्वच्छता एवं शुद्ध पेयजल तथा स्थानीय हरी ताजी औषधियां से ही आजीवन निरोगी रहा जा सकता है। योग व्यायाम को जीवन का अंग बनाना होगा। कुलपति प्रो शिशिर पांडेय ने कहा कि आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य की रक्षा करना, रोगों का उपचार करना और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना है। आयुर्वेद शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर जोर देता है और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, आहार और जीवनशैली के माध्यम से बीमारियों को दूर करता है। आयुर्वेद न केवल बीमारियों का इलाज करता है, बल्कि उनके मूल कारणों को भी ठीक करने का प्रयास करता है। जिससे दीर्घायु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। कोषाध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आरोग्यधाम के ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग प्रभारी डॉ राजीव शुक्ला ने बताया कि सभी को यह प्रयत्न करना है कि लोग बीमार ही न पड़े। इसके लिए सबसे पहले सबको अपनी दिनचर्या ठीक करना है। फिर इसको खुद के आचरण में उतारना है फिर परिवार में इसको लागू करना है।
तकनीकी सत्र में आरोग्यधाम की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ भारती श्रीवास्तव ने कहा कि किशोरी एवं गर्भवती माताओं के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। जिसमें साबुत अनाज, प्रोटीन दालें, अंडे, मांस, पनीर, फोलेट हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन हरी सब्जियां, सूखे मेवे, लीची शामिल हों। पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम डेयरी उत्पाद, रागी और पानी लगभग तीन लीटर प्रतिदिन सेवन करें। इसके अलावा वसायुक्त और मसालेदार भोजन तथा किसी भी प्रकार के नशे से बचना चाहिए। दंत चिकित्सक डॉ रुपाली श्रीवास्तव ने नशा मुक्त समाज एवं दन्त उपचार पर विस्तृत प्रकाश डाला। वैद्य राजेन्द्र पटेल ने बाल कुपोषण एवं उपचार की जानकारी दी। कार्यक्रम में लक्ष्मण त्रिपाठी, नारायण प्रकाश त्रिपाठी, रामसुहावन अग्निहोत्री, मोहनलाल विश्वकर्मा, गोरेलाल यादव, अयोध्या प्रसाद, बुद्धराज सिंह, राजेंद्र कुमार ने नशा मुक्ति का संकल्प लिया। अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अनिल जायसवाल महाप्रबंधक डीआरआई, मनोज सैनी प्रभारी उद्यमिता विद्यापीठ, डॉ मनोज त्रिपाठी प्रभारी आरोग्य सदन, अनिल कुमार सिंह निदेशक जन शिक्षण संस्थान, कालिका प्रसाद श्रीवास्तव, डॉ अशोक तिवारी, रमाशंकर शुक्ल ने योगदान प्रदान किया।
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