कृष्ण–सुदामा प्रसंग से भाव-विभोर हुए श्रद्धालु, श्री भागवत कथा का हुआ भव्य समापन
शहर के प्रसिद्ध महेश्वरी देवी मंदिर प्रांगण में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य समापन भावपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ...
महेश्वरी देवी मंदिर प्रांगण में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
मित्रता, त्याग और निष्ठा का मार्मिक संदेश देकर भावुक कर गई कथा
बांदा। शहर के प्रसिद्ध महेश्वरी देवी मंदिर प्रांगण में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य समापन भावपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। समापन अवसर पर कथा वाचक श्री राजेन्द्र शास्त्री जी गिरवाँ वाले ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा के चरित्र का मार्मिक एवं विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया। कृष्ण–सुदामा की निष्काम मित्रता का प्रसंग सुनकर पंडाल में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।
कथा के दौरान सुदामा की दयनीय दशा, प्रभु श्रीकृष्ण के प्रति उनकी अटूट निष्ठा और त्याग की भावना को सुनकर अनेक श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं। श्री राजेन्द्र शास्त्री जी ने कहा कि सुदामा के लिए धन की कोई कमी नहीं थी, वे विद्वान थे और चाहें तो धनार्जन भी कर सकते थे, लेकिन वे आत्मा के कल्याण के लिए कर्मरत थे। भागवत में जिस व्यक्ति को ‘प्रसन्नात्मा’ और ‘जितेन्द्रिय’ कहा गया हो, उसे दरिद्र नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने सुदामा के द्वारिका आगमन और प्रभु श्रीकृष्ण द्वारा किए गए आत्मीय सत्कार का वर्णन करते हुए कहा कि यह किसी व्यक्ति का नहीं, बल्कि व्यक्तित्व का सम्मान था। यह चित्त की नहीं, चरित्र की पूजा थी और सुदामा की निष्ठा व त्याग का आदर था। कथा वाचक ने मित्रता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सच्ची मित्रता में कभी भी बदले की भावना नहीं होनी चाहिए।
कथा के दौरान भजनों के माध्यम से प्रभु की असीम कृपा और करुणा की लीलाओं का वर्णन किया गया, जिससे श्रोता भावुक हो उठे। कृष्ण–सुदामा की मनोहारी झांकी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा बने स्वरूप के चरण धोए, पूरा पंडाल भावनाओं से भर उठा। भजनामृत की फुहार पर श्रद्धालुओं का तन-मन झूम उठा।
कथा के आयोजक एवं परीक्षित महेन्द्र कुमार एवं श्रीमती महेंद्र कुमारी रहे। समापन अवसर पर व्यास जी ने सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित कर सम्मानित किया। इस दौरान आयोजक महेन्द्र कुमार, समाजसेवी अमित सेठ ‘भोलू’, सिल्लू महाराज, अरुण सैनी, संत कुमार गुप्ता, सुधीर माली, अवधेश अवस्थी, मयंक श्रीवास्तव, मनोज कुमार, नईम नेता सहित अन्य गणमान्यजनों ने व्यास जी श्री राजेन्द्र शास्त्री जी को शाल, फूल-माला भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में प्रेम चौधरी, शक्ति, रमेश लाल, नंदलाल, किशोरी लाल, राकेश, कैप्टन रविन्द्र, राजकुमार कुक्कू, सुधा, ज्योति बाला, अनुराधा, अजीत सिंह, कृष्णा, जगमोहन, जुगल किशोर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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