ग्राम पिपरी में हुआ भव्य कवि सम्मेलन — साहित्य और संस्कृति की गूंज से मुखर हुआ वातावरण

ग्राम पिपरी, जनपद बांदा में दिनांक 9 नवम्बर 2025 को भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सांस्कृतिक मंच के अंतर्गत एक भव्य कवि सम्मेलन...

Nov 11, 2025 - 13:38
Nov 11, 2025 - 13:41
 0  3
ग्राम पिपरी में हुआ भव्य कवि सम्मेलन — साहित्य और संस्कृति की गूंज से मुखर हुआ वातावरण

बांदा। ग्राम पिपरी, जनपद बांदा में दिनांक 9 नवम्बर 2025 को भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सांस्कृतिक मंच के अंतर्गत एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयं भगवान मुरली मनोहर बांके बिहारी जी के सान्निध्य में संपन्न हुई।

ग्राम पिपरी एवं आसपास के क्षेत्रों से भारी संख्या में पहुँचे ग्रामीणों ने कवि सम्मेलन को मनोयोगपूर्वक सुना, सराहा और साहित्यिक माहौल का आनंद लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भागवत कथा व्यास लखन लाल दीक्षित रहे। मंच पर उपस्थित सभी कवि एवं साहित्यकारों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष चंदन, वंदन और पुष्प मालाएं अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया।

सर्व कल्याण सनातन सेवा समिति के प्रबंधक बृज बिहारी दीक्षित एवं कोषाध्यक्ष शत्रुघ्न  ने सभी कवियों और साहित्यकारों का अंगवस्त्र एवं चंदन वंदन कर सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन आर.सी. योगा जी ने कुशलता से किया।

कार्यक्रम की शुरुआत गोपाल दास गुप्ता साथी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना “वीणा झनका के मां आ जाओ जीवन में” से हुई, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसके बाद कवियों ने अपनी-अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया —

  • राजेंद्र तिवारी ‘स्वदेश’ ने सुनाया — “छेनी से टांक मां शजर कर दो”

  • डॉ. शिव प्रकाश सिंह ने कहा — “दूजा जहां और यहां कोई नहीं है”

  • योगेश कुमार ने प्रस्तुत किया — “होठवा मां झूलनी बाहर मारे रे”

  • कमल सिंह ने कहा — “समय के श्याम पट पर दर्ज हो सबकी कहानी”

  • मनोज कुमार ‘मृदुल’ ने सुनाया — “मैं धार हूं नदी की, मैं हूं वही किनारा”

  • अनिल द्विवेदी ‘अनिल’ ने कहा — “उस ग्राम देवता को प्रणाम, जो परहित अन्न उगाता है”

  • गोपाल दास गुप्ता ‘साथी’ ने प्रस्तुत किया — “तुझमें भी, मुझमें भी, इसमें भी, उसमें भी सबमें राम समाया है”

  • रमेश चंद्र ‘योगा’ ने कहा — “अपनी जिम्मेदारियां तू सहजता से निभाता चल”

सभी कवियों ने धर्म, संस्कृति और समाज पर आधारित अपनी प्रभावशाली रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

कार्यक्रम में दर्शक दीर्घा में सैकड़ों ग्रामीणों के साथ क्षेत्र के गणमान्य नागरिक — रश्मि कश्यप, नवल सिंह कछवाह, बउआ भैया, अमर सिंह, ज्ञान सिंह, साकेत सिंह, इंदल सिंह, पप्पू सिंह, बच्चा सिंह एवं छोटू — उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और इस तरह यह कवि सम्मेलन साहित्य, भक्ति और संस्कृति के संगम के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0