योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार में, 19 विधानसभा सीट वाले बुंदेलखंड का पत्ता साफ
योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार को हो गया लेकिन, 19 विधानसभा सीट वाले बुंदेलखंड को इसमें कोई जगह नहीं मिली..
योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार को हो गया लेकिन, 19 विधानसभा सीट वाले बुंदेलखंड को इसमें कोई जगह नहीं मिली। इस मंत्रिमंडल विस्तार का यहां बेसब्री से इंतजार हो रहा था। माना जा रहा था कि बुंदेलखंड में अपने गढ़ को मजबूत बनाए रखने के लिए यहां के किसी सामान्य अथवा पिछड़े वर्ग के नेता को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है लेकिन, 19 विधानसभा सीट वाले बुंदेलखंड का पत्ता साफ हो गया।
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बुंदेलखंड के सातों जिले- झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा, महोबा एवं चित्रकूट में जातिगत समीकरणों के चलते हमेशा से भाजपा का राजनीतिक सफर आसान रहा है। वर्ष 2012 में विधानसभा चुनावों के दौरान भी सपा बुंदेलखंड में अधिक कमाल नहीं दिखा सकी थी। उसके बाद वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूरे बुंदेलखंड में क्लीन स्वीप करते हुए सभी 19 सीटें जीत लीं।
बबीना, मऊरानीपुर, गरौठा, सदर झांसी, ललितपुर, महरौनी, हमीरपुर, महोबा, चरखारी, तिंदवारी, बबेरू, कर्बी, माधोगढ़, कालपी, राठ, नरैनी, मानिकपुर, महरौनी एवं बांदा सीट पर भाजपा का परचम लहरा उठा। एक साथ सभी 19 सीटों में कमल खिलने के बाद मंत्रीमंडल में यहां के नेताओं को तरजीह मिलने की उम्मीद की जाने लगी लेकिन, सिर्फ कर्बी विधायक चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय एवं ललितपुर विधायक मनोहर लाल पंथ की किस्मत ने ही साथ दिया हालांकि इन दोनों ही नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। इनको सिर्फ राज्यमंत्री के तौर पर संतोष करना पड़ा।
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कैबिनेट में बुंदेलखंड का प्रतिनिधितत्व न होने से उसके बाद जब भी कैबिनेट विस्तार की बात चलती, यहां के नेताओं के नाम चर्चा में आ जाते। पंचायत चुनाव निपटने के बाद से मंत्रीमंडल विस्तार के कयास लग रहे थे।
उसके बाद से यहां खासतौर से सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के नेताओं की लखनऊ-दिल्ली दौड़ शुरू हो गई लेकिन, दो दिन पहले जब मंत्रिमंडल की सूची सार्वजनिक हुई तब बुंदेलखंड के नेताओं के नाम नदारद थे। मंत्रीमंडल विस्तार में शाहजहांपुर, आगरा, मेरठ एवं बरेली से एक-एक मंत्री बनाए गए। पूर्वांचल के गाजीपुर, सोनभद्र एवं अवध के बलरामपुर से एक मंत्री बनाया गया। मंत्रिमंडल विस्तार में अन्य इलाकों को प्रतिनिधितत्व मिला लेकिन, बुंदेलखंड का पत्ता साफ है।
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