बांदा में यमुना ने बरपाया कहर : दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में, सैकड़ों मकान ढहे, फसलें बर्बाद

यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर करीब ढाई मीटर ऊपर बह रहा है। महज एक रात में जलस्तर ...

Aug 2, 2025 - 11:02
Aug 2, 2025 - 11:05
 0  70
बांदा में यमुना ने बरपाया कहर : दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में, सैकड़ों मकान ढहे, फसलें बर्बाद

बांदा। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर करीब ढाई मीटर ऊपर बह रहा है। महज एक रात में जलस्तर में डेढ़ मीटर की खतरनाक बढ़त दर्ज की गई, जिससे जिले के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। सैकड़ों कच्चे मकान पानी में समा गए हैं और कई गांव टापू बन चुके हैं। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। शनिवार को सवेरे 8बजे यमुना का जल स्तर 102.68 मी दर्ज किया गया। यमुना का खतरे का निशान 100 मीटर है।

चिल्ला-तारा के बीच नेशनल हाइवे और ललौली सड़क पर पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। पुलिस वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्गों से जाने की सलाह दे रही है। बाढ़ के कारण कई संपर्क मार्ग भी जलमग्न हो चुके हैं, जिससे गांवों के बीच संपर्क टूट गया है।

यह भी पढ़े : उप्र के प्रयागराज समेत दस जनपदों में आगामी तीन घंटों के मध्य तीब्र बारिश की संभावना

पैलानी क्षेत्र के शंकर पुरवा गांव में यमुना का पानी पंचायत भवन के सामने 10 से 12 फीट तक भर गया है। लोग नावों के जरिए इधर-उधर आने-जाने को मजबूर हैं। बीमारों और गर्भवती महिलाओं को मोटरबोट से निकालकर सुरक्षित स्थानों या अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है।

जसपुरा क्षेत्र के तरौड़ा, नांदादेव, पड़ोहरा, अमारा, बरेहटा, शिवरामपुर, डिप्पा डेरा, फकिरा डेरा, नया डेरा, हजारी डेरा और बंजारी डेरा जैसे गांव टापू बन गए हैं। बिजली के ट्रांसफार्मर फुंकने से बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाएं ठप हो गई हैं।

जसपुरा स्टेडियम और तरौड़ा मजरा पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। जसपुरा-झंझरीपुरवा मार्ग भी जलमग्न है। गौरीकलां और गड़रिया गांव में रपटे पर 6 से 12 फीट तक पानी बह रहा है। यहां नाव से ही आना-जाना संभव है।

नांदादेव, गौरीकला, भाथा, अमारा और जसपुरा के किसानों ने बताया कि अरहर, तिल और ज्वार की सैकड़ों बीघा फसलें बर्बाद हो गई हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल मुआवजे की मांग की है। अमलीकौर के प्रधान प्रतिनिधि देशराज सिंह ने भी फसल के बड़े नुकसान की पुष्टि की है।

तिंदवारी क्षेत्र में अमलीकौर, बेंदा, जौहरपुर, लोहारी और जलालपुर गांवों में पानी घुस चुका है। लोहारी में कच्चे मकान गिरने लगे हैं।

यह भी पढ़े : बांदा में केन नदी उफान पर, चेतावनी स्तर के करीब पहुँचा जलस्तर

बबेरू क्षेत्र के मझीवा, केवटरा, बदौली, बधैला, सिमौनी, टोला कला, समगरा, बाकल और मरका में बाढ़ का पानी दो फीट तक रपटों के ऊपर से बह रहा है। बघैला गांव में चार फीट तक पानी भरने के कारण प्राथमिक विद्यालय डूब गया है, जिससे ग्रामीणों को जूनियर स्कूल में शरण लेनी पड़ रही है।

एसडीएम अंकित वर्मा ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व विभाग की टीमें तैनात हैं और लगातार निगरानी की जा रही है। अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज के अनुसार यमुना और केन नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे जनपद के मुख्य मार्गों पर भी पानी भर गया है।

प्रभावित मार्गों में बांदा-चिल्ला-ललौली रोड: पूरी तरह बंद है। बांदा-बबेरू-राजापुर मार्ग: कमासिन से राजापुर के बीच पानी भरने के कारण बंद हो गया है।बांदा-हमीरपुर मार्ग: पपरेंदा से हमीरपुर की ओर आवागमन ठप हो गया।कानपुर, फतेहपुर, प्रयागराज जाने वाले मार्ग भी अवरुद्ध हैं।प्रशासन ने यात्रियों को बेंदाघाट पुल, औघासी घाट पुल या बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के जरिये आवागमन की सलाह दी है। इस बीच केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक केन नदी का जल स्तर घटने लगा है। प्रातः 8:00 बजे स्कीम का जल स्तर 102.44 मी रिकॉर्ड किया गया। अब जल स्तर घट रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0