पुल निर्माण की मांग लेकर कई गांवों के ग्रामीणों ने मुख्यालय में किया प्रदर्शन
मौदहा विकास खण्ड के छह गांवों के ग्रामीणों ने मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ....
हमीरपुर
जिलाधिकारी को सोपे ज्ञापन में लोसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने की बात कही’
मौदहा विकास खण्ड के छह गांवों के ग्रामीणों ने मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान कहा कि एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारियों के वादा खिलाफी से आहत और मांगों को लेकर एक बार फिर लोकसभा चुनाव में सभी ग्रामीण मतदान का बहिष्कार करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे वोट और बहुमत से नेता गद्दी में बैठते हैं और आमजन वोट देकर भी कभी मूलभूत सुविधाएं न होने से तो कभी जिंदगी-मौत से जूझते रहते हैं, पर उनकी मांगे पूरी नहीं होती।
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बता दें कि मौदहा विकास खण्ड के छह गांवों के लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने की बात कही। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव के बगल से नदी बहती है। जिसकी वजह से बरसात में उनका तहसील और मुख्यालय से संपर्क कट जाता है। नदी पर पुल बनवाने की कई बार मांग की गई लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई इसलिए आज से ही हम चुनाव बहिष्कार करते हैं।
कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुंचे यह ग्रामीण मौदहा ब्लॉक क्षेत्र में किस्वाही, गढ़ा, बैजेमऊ, बेरी और परहेटा के रहने वाले थे। इन गांवों तक जाने के लिए चंद्रावल नदी को पार करना पड़ता है। ऐसे में बरसात के मौसम में इन लोगों का गावों से निकलना मुश्किल हो जाता है। अगर किसी को जरूरी काम से मौदहा या मुख्यालय जाना हो तो नाव का सहारा लेना पड़ता है।
अब जब बरसात का मौसम है तब इन लोगों के सामने फिर वहीं मुसीबत आ खड़ी हुई। कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने पहुंचे ग्रामीण पवन सिंह, नरोत्तम, चन्द्रभान और जीतेंद्र कुमार सहित अन्य लोगों ने कहा कि जब से देश आज़ाद हुआ तब से अब तक कोई सांसद, विधायक या जिलाधिकारी हमारे गांव नहीं आए। जबकि चुनाव के टाइम सभी नेता पहुंच कर लुभावने वादे करते हैं।
चुनाव जीतने के बाद न अधिकारी और ना गांव की तरफ रुख नहीं करते हैं। ऐसे में आज तक ना तो नदी का पुल ही बन सका और ही गांव का विकास हो सका। हम लोगों ने विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया था तब हमें आश्वासन दिया गया था कि एक साल में पुल का निर्माण करा दिया जाएगा, लेकिन वह आश्वासन कोरा निकला, अब भी अगर नदी पर पुल नहीं बनता तो हम लोकसभा वोट बहिष्कार करेंगे।
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