हमीरपुर के इटरा में चावल की तरह हर साल बढ़ती है बजरंगबली की मूर्ति
हमीरपुर जिले में एक गांव में स्थित बजरंगबली मंदिर में अब दो दिवसीय मेले की तैयारी शुरू हो गई है...
![हमीरपुर के इटरा में चावल की तरह हर साल बढ़ती है बजरंगबली की मूर्ति](https://bundelkhandnews.com/uploads/images/2023/11/image_750x_6561d92329567.jpg)
कार्तिक पूर्णिमा के बाद पहले मंगलवार से एतिहासिक मेला शुरू होगा
हमीरपुर। हमीरपुर जिले में एक गांव में स्थित बजरंगबली मंदिर में अब दो दिवसीय मेले की तैयारी शुरू हो गई है। इस मंदिर में विराजमान हनुमान जी मूर्ति हल चलाते समय खेत में मिली थी जो पिछले कई दशकों से चावल की तरह हर साल बढ़ रही है। यहां मेले में हर साल लाखों लोगों की भीड़ जुटती है।
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हमीरपुर शहर से करीब 22 किमी दूर सुमेरपुर थाना क्षेत्र के कानपुर-सागर नेशनल हाइवे-34 के निकट चन्दपुरवा गांव स्थित है। इस गांव के जंगल में इटरा नाम का धार्मिक स्थान है, जहां श्रीराम भक्त हनुमान जी का बड़ा ही भव्य मंदिर बना है। इस मंदिर की मूर्ति बड़ी ही चमत्कारी है। यहां कार्तिक पूर्णिमा के बाद पहले मंगलवार से दो दिवसीय मेले का आगाज होता है। यह मेला बुन्देलखंड और पड़ोसी मध्यप्रदेश के इलाकों में भी प्रसिद्ध है। इसीलिए हर साल मेले में लाखों लोगों की भीड़ एकत्र होती है।
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मंदिर के महंत बलराम दास बाबा ने बताया कि यहां बजरंगबली की बड़ी ही सुन्दर मूर्ति स्थापित है जो सुबह और शाम रंग भी बदलती है। बताया कि इटरा में आठ दशक पहले कुछ भी नहीं था। यह इलाका जंगल था। लेकिन बजरंगबली का मंदिर बनने के बाद इस इलाके की दशा ही बदल गई है। महंत का कहना है कि इस बार कार्तिक पूर्णिमा के बाद पहले मंगलवार से एतिहासिक मेला शुरू होगा जो लगातार दो दिनों तक चलेगा। मेले में बाहर से तमाम संत आएंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर में अखंड ज्योति काफी समय से लगातार जलती है। इधर बजरंगबली मंदिर में दो दिवसीय मेले को लेकर पुलिस ने भी तैयारी शुरू कर दी है।
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खेत में हल चलाते दौरान निकली थी बजरंगबली की चमकती मूर्ति
मंदिर के पुजारी बलराम दास बाबा ने बताया कि करीब 78 साल पहले इटरा के दो किसानों ने खेतों की जोताई कराने के लिए हल चलाया तो उसी समय बजरंगबली की छोटी सी मूर्ति हल की कुसिया से टकरा गई थी। गांव के लोगों ने मजदूरों की मदद से खेत में तीस फिट तक गहराई में खुदाई कराई लेकिन आज तक बजरंगबली की मूर्ति का अंतिम सिरा नहीं मिल सका। तमाम बुजुर्ग लोगों ने बताया कि गांव के लोग डर के मारे मूर्ति छोड़कर अपने घर चले गए थे।
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सपने में हनुमान जी को देख किसानों ने मूर्ति की कराई प्राण प्रतिष्ठा
साहित्यकार डाॅ.भवानीदीन व समाजसेवी कमलेश सविता ने बताया कि रात में सपने में हनुमान जी को देख किसान रामगोपाल घबरा गया और अगले ही दिन इटरा में खेत पर एक चबूतरा बनवाकर मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवा दी गई। चन्दपुरवा और आसपास के तमाम गांवों के लोग पूजा अर्चना करने लगे। मंदिर के मंहत ने बताया कि इस स्थान पर भव्य मंदिर बन चुका है। जहां आम लोगों के साथ ही खास लोग भी हर मंगलवार और शनिवार पूजा करने आते है।
हिन्दुस्थान समाचार
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