नुक्कड़ नाटकों के जरिये बताई फाइलेरिया की गंभीरता,दवा खाने का दिया संदेश
सबको दवाई खिलाएंगे, हर एक को समझाएंगे, फाइलेरिया से बचाएंगे,सपने को सच बनाएंगे,देश खुशहाल बनाएंगे जैसे संदेशों के साथ शहर के तीन प्रमुख स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति शुक्रवार...
बांदा सबको दवाई खिलाएंगे, हर एक को समझाएंगे, फाइलेरिया से बचाएंगे,सपने को सच बनाएंगे,देश खुशहाल बनाएंगे जैसे संदेशों के साथ शहर के तीन प्रमुख स्थानों पर नुक्कड़ नाटकों की प्रस्तुति शुक्रवार को हुई। लखनऊ से आई आकार फाउंडेशन के कलाकारों ने कलक्ट्रेट प्रांगण़, महोखर स्थित जिला अस्पताल और बड़ोखर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में प्रस्तुतियां दीं। इन नुक्कड़ नाटकों के जरिये फाइलेरिया की गंभीरता बता कर दस से अट्ठाइस फरवरी तक स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही दवा खाने का संदेश दिया गया। जिले के स्वास्थ्य महकमे ने स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से यह आयोजन कराया। नुक्कड़ नाटक के बाद लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन की शपथ भी दिलाई गई।
यह भी पढ़े:हमलावरों ने सीटीओ के बेटे की पीट पीट कर नाक तोड़ दी
जिला अस्पताल में जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने नुक्कड़ नाटक का उद्घाटन किया और अपने सहयोगियों के साथ नाटक देखा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने इस मौके पर कहा कि फाइलेरिया एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसे हाथीपांव के नाम से भी जानते हैं। यह गंदगी में पनपने वाले फाइलेरिया संक्रमित क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से होता है। इसके लिए साल में एक बार व पांच साल तक लगातार फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर इस रोग से बचा जा सकता है। यह दवा प्रति वर्ष सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान के दौरान घर-घर खिलाई जाती है। साथ ही संक्रमित मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग और घर के आसपास सफाई का रखा जाना जरूरी है।
यह भी पढ़ेसराफा व्यापारी को लूटने वाले दो बदमाश पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार, दोनों के पैर में लगी गोली
कलक्ट्रेट प्रांगड़ पर हुए आयोजन में संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ मुकेश पहाड़ी ने बताया कि 10 से 28 फरवरी तक के अभियान में दवा का सेवन आशा कार्यकर्ता के सामने ही करना है। बड़ोखर ब्लॉक के महोखर प्राथमिक विद्यालय में नाटक के माध्यम से यह भी बताया कि यह बीमारी मच्छरों के काटने से होती है न कि किसी और वजह से, इसका मच्छर रात में काटता है, इसलिए रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं।नाटक के जरिये इस संदेश पर जोर दिया गया कि जिन लोगों में फाइलेरिया के सूक्ष्म परजीवी मौजूद हैं जब वह फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करते हैं तो उन्हें सामान्य सरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी और बदन में चकत्ते जैसी मामूली प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। ऐसे लक्षण जिनमें नजर आ रहे हैं उन्हें घबराना नहीं चाहिए, बल्कि खुश होना चाहिए कि वह फाइलेरिया के संक्रमण से बच गये ।
यह भी पढ़े:आंगनवाड़ी केंद्र में कड़ी चावल खाने से, एक दर्जन बच्चे बीमार