जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की आंखों का इलाज हुआ या नहीं इस सवाल को टाल गए मंत्री जी

मंडल कारागार बांदा में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी इस समय आंखों में मोतियाबिंद के बीमारी से परेशान है। उसका अब तक इलाज कराया गया या नहीं, इस बारे में पूछे गए सवाल क कारागार राज्य ...

Jan 27, 2024 - 04:18
Jan 27, 2024 - 04:29
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जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की आंखों का इलाज हुआ या नहीं इस सवाल को टाल गए मंत्री जी

बांदा,

मंडल कारागार बांदा में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी इस समय आंखों में मोतियाबिंद के बीमारी से परेशान है। उसका अब तक इलाज कराया गया या नहीं, इस बारे में पूछे गए सवाल क कारागार राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति टाल गए और गोल-गोल जवाब दिया। मंत्री जी ने आज शनिवार को जेल का निरीक्षण करने के बाद जिन बंदियों के परिजन मुलाकात करने नहीं आते उन्हें इनर और कंबल वितरित किया।
इसके बाद पत्रकारों से रूबरू हुए।

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मुख्तार अंसारी के इलाज के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने कैदियों से संवाद किया है, लेकिन किसी खास बंदी से कोई अलग से संवाद नहीं किया। जेल में इलाज की व्यवस्था है डॉक्टर हैं, फार्मासिस्ट है। अगर किसी बंदी को बड़ी बीमारी हो जाती है तो उन्हें इलाज के लिए बाहर ले जाया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि सर्दियों में हर साल उन बंदियों को गर्म कपड़े और कंबल बांटे जाते हैं जिनके परिजन उनसे मिलने नहीं आते हैं। पिछले साल भी साढे 37 हजार बंदियों को गर्म कपड़े और इनर बांटे गए थे। इस साल भी बंदियों को गर्म कपड़े व कंबल बांटे जा रहे हैं। यूपी की हर जेल में ऐसे करीब 100 से 150 बंदी है। जिनके परिजन  मिलने नहीं आते हैं। इसके अलावा संवाद के जरिए बंदियों की सोच बदलने की कोशिश की जाती है। इसी मुहिम के तहत उन्हें हनुमान चालीसा और सुंदरकांड वितरित किए गए हैं ताकि इनका अध्ययन करके अपना मन धार्मिक हो जाए।

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कारागार राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि जेल में इस समय 40 साल की उम्र के लगभग 80 फीसदी बंदी हैं जो एक चिंता का विषय है। इतनी बड़ी संख्या में युवा जेल में क्यों है। इसी बात की जानकारी लेने के लिए कैदियों से संवाद किया जा रहा है। बाद में इनसे परिवार के लोगों से बातचीत कराई जाती है। परिवार से बातचीत करके युवा अपराध छोड़ने का संकल्प लेते हैं। इस मुहिम के तहत अगर 10 से 20 प्रतिशत भी युवा अपराध छोड़ने के लिए संकल्प लेते हैं तो यह अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि बांदा के बाद मैं चित्रकूट, नैनी और प्रयागराज की जेल में बंदियों से संवाद करके उन्हें गर्म कपड़े और कंबल वितरित करूंगा।प्रेस वार्ता के दौरान मौजूद जिला अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि वह हर महीने पुलिस अधीक्षक के साथ जेल का संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण करती हैं, अब जेल में काफी सुधार आया है।

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