मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार, इनके नाम रेस में
मध्य प्रदेश में चुनाव नतीजे आए को 6 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश के सीएम फेस को लेकर बना सस्पेंस खत्म नहीं हुआ है। वहीं सोमवार को अब ...
मध्य प्रदेश में चुनाव नतीजे आए को 6 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश के सीएम फेस को लेकर बना सस्पेंस खत्म नहीं हुआ है। वहीं सोमवार को अब विधायक दल की बैठक होना है, ऐसे में संभावना है कि सोमवार को सीएम कौन होगा इसका फैसला हो जाएगा। प्रदेश में सीएम पद की दौड़ में शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद सिंह पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के नाम रेस में है। वहीं भाजपा ने सीएम फेस को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. के.लक्ष्मण और राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा को पर्यवेक्षक बनाया गया है।
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विधायक दल की बैठक सोमवार को शाम सात बजे बुलाई गई है। इसमें मुख्यमंत्री के नाम को लेकर प्रस्ताव रखा जाएगा। उधर, भोपाल में नवनिर्वाचित विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने मुख्यमंत्री के प्रश्न पर कहा कि कोई असमंजस नहीं है। पार्टी की अपनी प्रक्रिया है। आपको उसका इंतजार करना होगा।
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सूत्रों के अनुसार अब भी शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री की दावेदारी में सबसे ऊपर हैं। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव को लेकर गंभीर है और वह मध्य प्रदेश में कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगा, ऐसी स्थिति में शिवराज सिंह पर ही दांव लगाकर पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छे परिणाम हासिल करने पर विचार कर रही है। शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने रहे तो दो उप मुख्यमंत्री प्रहलाद पटेल और तुलसीराम सिलावट को बनाया जा सकता है। तुलसीराम एससी वर्ग से आते हैं।
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एक अन्य फार्मूले में प्रहलाद पटेल को मुख्यमंत्री बनाकर कैलाश विजयवर्गीय को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा है। ऐसी स्थिति में दो उप मुख्यमंत्री विष्णु दत्त शर्मा और ओमप्रकाश धुर्वे बनाए जा सकते हैं। तब नरेंद्र सिंह तोमर को पुनरू लोकसभा चुनाव लड़ाकर केंद्र में ले जाया जा सकता है। एससी वर्ग के जगदीश देवड़ा को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मध्य प्रदेश में भाजपा ने यह बदलाव किया तो शिवराज सिंह ओबीसी वर्ग के अग्रणी नेता बनकर केंद्र में जा सकते हैं।
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