भाईयों की कलाई में बहनो ने बांधा रक्षासूत्र
जिले में रक्षाबंधन का त्योहार हर्षोल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। बहनों ने भाईयों की कलाई में राखी बांधकर रक्षा का वचन लिया। पर्व के दिन सवेरे से मिठाई वा राखियों की दुकानों में भीड़ देखने को मिली...
राजकुमार याज्ञिक, चित्रकूट
- कोरोना काल में मनाया गया रक्षाबंधन पर्व
भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन के दिन सवेरे से लड़कियां व महिलायें नदी-तालाबों में पहुंचकर कजलिया विसर्जन किया। मंदिरों में भगवान को कजलिया अर्पण करने के बाद बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर कलाई में रक्षासूत्र बांध रक्षा करने का वचन लिया। भाईयों ने भी बहनों को यथाशक्ति उपहार भेंटकर उन्हें वचन निभाने का संकल्प किया। भाई-बहनों ने एक-दूसरे को मीठा खिलाया। इसी क्रम में तीर्थ क्षेत्र चित्रकूट के विधवा आश्रम की विधवाओं ने प्रमुख देवता कामतानाथ को राखी बांधकर त्योहार मनाया।
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सवेरे से ही मुख्यालय में जगह-जगह टेंट लगाकर राखी वा मिठाईयों की दुकाने सजी रहीं। जहां राखी व मीठा खरीदने के लिये लोगों की भीड लगी रही। कोरोना के चलते कहीं त्योहार फीका न पड़ जाये, किन्तु सवेरे बदली छाये रहने के बावजूद लोग घरों से निकलकर खरीददारी की और त्योहार का लुत्फ उठाया। पर्व पर मऊ, मानिकपुर, पहाडी, राजापुर, सीतापुर समेत पूरे जिले में भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार हर्षोल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया।
इस अवसर पर लडकियों ने पेड़ों पर झूला डालकर गीत गाते हुये झूले का आनन्द उठाया। भागवत रत्न आचार्य नवलेश दीक्षित ने परम्परा के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि भाई-बहन के लिये रक्षाबंधन का त्योहार का शुभ मुहूर्त आया है। यह मुहूर्त भाई-बहन के अटूट प्यार का प्रतीक होगा।