460 मिलियन वर्ष पुरानी ज्वालामुखीय चट्टानों से बनी "रानेह घाटी" पर्यटकों का मुख्य आकर्षण
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित रानेह जलप्रपात, प्राकृतिक सुंदरता और भव्यता का अद्वितीय स्थल है...
रानेह जलप्रपात : प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन का अद्वितीय स्थल
छतरपुर, मध्य प्रदेश,
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित रानेह जलप्रपात, प्राकृतिक सुंदरता और भव्यता का अद्वितीय स्थल है। खजुराहो से करीब 22 किलोमीटर दूर केन नदी के तट पर स्थित यह जलप्रपात अपनी विशेष आकृति और रंगों के लिए विख्यात है। इस स्थान को 2017 में देश का सबसे पसंदीदा वाटरफॉल घोषित किया गया और इसे श्रेष्ठ हॉलीडे अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
विशेषज्ञों के अनुसार, रानेह जलप्रपात लगभग 460 मिलियन वर्ष पहले ज्वालामुखी विस्फोट के कारण बनी घाटी में स्थित है, जो ग्रेनाइट, डोलोमाइट, बेसाल्ट, जैस्पर और क्वार्ट्ज जैसे पांच प्रकार की आग्नेय चट्टानों से निर्मित है। इन रंग-बिरंगी चट्टानों से बनी घाटी मात्र 5 किलोमीटर तक फैली हुई है, लेकिन इसकी गहराई और आकृति इसे बेहद आकर्षक बनाती है।
रानेह जलप्रपात देखने के लिए सालभर पर्यटक आते हैं, लेकिन सर्दियों में इसकी सुंदरता और भी बढ़ जाती है। इस क्षेत्र के स्थानीय लोग आसानी से खजुराहो जाने के लिए दैनिक पैसेंजर ट्रेन का उपयोग कर सकते हैं, जिसका किराया 50 रुपये से भी कम है। यह ट्रेन बागेश्वर धाम के दर्शन के लिए भी यात्रियों का पसंदीदा साधन बन चुकी है।
रानेह जलप्रपात के पास स्थित केन घड़ियाल सेंचुरी भी पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है। यहां के प्राकृतिक नज़ारे और केन नदी का मटमैला पानी इस स्थान को और भी खास बना देता है। पर्यटक यहाँ के रानेह फॉल्स, पांडव फॉल्स, पन्ना सैंक्चुअरी, और महाराजा छत्रसाल म्यूजियम जैसे कई अन्य आकर्षण स्थलों का आनंद ले सकते हैं।
पर्यटन प्रेमियों के लिए रानेह जलप्रपात और इसके आसपास के स्थान वाकई एक अद्भुत अनुभव प्रदान करते हैं।